Allahabad High Court Decision : दुष्कर्म महिला की निजता और पवित्रता के अधिकार का गैरकानूनी अतिक्रमण

Allahabad High Court Decision : दुष्कर्म महिला की निजता और पवित्रता के अधिकार का गैरकानूनी अतिक्रमण

अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि दुष्कर्म की शिकार महिला दो संकटों से गुजरती है -  दुष्कर्म और उसके बाद का मुकदमा। पहला संकट उसकी गरिमा को गंभीर रूप से चोट पहुंचाता है, उसके व्यक्तित्व पर अंकुश लगाता है, उसकी सुरक्षा की भावना को नष्ट करता है और अक्सर उसे शारीरिक रूप से बर्बाद कर सकता है, जबकि दूसरा संकट भी उतना ही खतरनाक है, क्योंकि यह न केवल उसे दर्दनाक अनुभव से दोबारा गुजरने के लिए मजबूर करता है, बल्कि यह सब पूरी तरह से अजनबी माहौल में उसके बुरे अनुभव को जीवंत कर देता है।

कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि यौन हिंसा एक अमानवीय कृत्य होने के अलावा, महिला की निजता और पवित्रता के अधिकार का गैरकानूनी अतिक्रमण है। जहाँ पीड़िता एक असहाय मासूम बच्ची हो, वहां यह अनुभव और भी दर्दनाक हो जाता है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकलपीठ ने अरविंद की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। कोर्ट ने पाया कि डीएनए रिपोर्ट में याची को पीड़िता के बच्चे का जैविक पिता पाया गया। याची और पीड़िता के बीच जबरदस्ती शारीरिक संबंधों के कारण वह गर्भवती हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया, इसलिए याची को झूठे आरोप में फंसाने का कोई उचित आधार न देखते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

मामले के अनुसार शिकायतकर्ता  (पीड़िता की मां) द्वारा 9 जुलाई 2023 को आईपीसी और पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस स्टेशन क्यूलादिया, बरेली में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि याची ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। एफआईआर दर्ज होने के दिन पीड़िता चार महीने की गर्भवती थी। मामले में जमानत की मांग करते हुए याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि चूंकि डीएनए परीक्षण से पीड़िता के बच्चे का जैविक पिता याची सिद्ध हुआ है, अतः 30 जुलाई, 2024 को पीड़िता से शादी करने और बच्चे की जिम्मेदारी लेने की इच्छा व्यक्त करने के बाद याची को अंतरिम जमानत दे दी गई थी। चूंकि शादी नहीं हो सकी, इसलिए याची ने 20 नवंबर, 2024 को संबंधित अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और तब से वह जेल में है। हिरासत की अवधि के आधार पर याची के अधिवक्ता ने जमानत मांगी, लेकिन अपराध की जघन्य प्रकृति को देखते हुए कोर्ट ने याचिका अस्वीकार कर दी।

यह भी पढ़ें- Prayagraj News :कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित मुकदमों के स्थानांतरण मामले की सुनवाई 21 फरवरी को होगी

ताजा समाचार

Moradabad : लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिले कुंदरकी के भाजपा विधायक रामवीर सिंह, क्षेत्र के 17 संपर्क मार्गों की मरम्मत कराने की मांग
ग्रामीण भारत महोत्सव: सरकार एमएसएमई क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपये तक की नई ऋण गारंटी योजना जल्द करेगी शुरू
HMPV Virus से बचने को रहें जागरूक: कानपुर में डॉक्टर बोले- पर्याप्त पानी पीते रहें, इन चीजों से करें परहेज...
Moradabad : जम्मू की 24 ट्रेनें रद, आठ ट्रेनें बीच रास्ते रुकेंगी...अगले दो महीने वैष्णो देवी की यात्रा में होगी मुश्किलें
Bareilly: मंदिर के बाबा की हत्या, डंडा और ईंट से वार कर ली जान!
Moradabad : जेल में बंद पूर्व ब्लॉक प्रमुख के साथी पर दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज