बरेली: तालाब की जमीन पर बना दी मस्जिद और मकान, पता लगा तो दौड़ पड़े अफसर 

एक्स पर पोस्ट के बाद पहुंची प्रशासनिक टीम की जांच में मिला कब्जा 

बरेली: तालाब की जमीन पर बना दी मस्जिद और मकान, पता लगा तो दौड़ पड़े अफसर 

बरेली/मीरगंज, अमृत विचार। मीरगंज तहसील क्षेत्र के गांव तिलमास में तालाब की जमीन पर कब्जा कर मस्जिद का पिछला हिस्सा बनाने की एक्स पर पोस्ट से खलबली मच गई। प्रशासन की टीम जांच को पहुंची तो पाया कि मस्जिद के अलावा कई घरों का कुछ हिस्सा भी तालाब की जमीन पर बना है। टीम ने जांच रिपोर्ट तैयार कर ली और सीमांकन की कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, एक व्यक्ति ने एक्स पर पोस्ट कर गांव में बनी मस्जिद के पिछले हिस्से को अवैध बताया। इसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम तृप्ति गुप्ता, सीओ अंजनी तिवारी, तहसीलदार डॉ. विशाल कुमार शर्मा, इंस्पेक्टर सिद्धार्थ सिंह तोमर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। काफी देर तक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच की।
तहसीलदार डॉ. विशाल कुमार शर्मा के अनुसार प्रारंभिक जांच में मस्जिद का कुछ हिस्सा पास में बने तालाब में पाया गया है। तालाब से सटे करीब 10 से 12 घर भी ऐसे हैं, जिनका पिछला हिस्सा तालाब की जगह में है। इन लोगों ने तालाब की जमीन पर अतिक्रमण किया है। हालांकि किसने कितना अतिक्रमण किया हुआ है, यह अभी नहीं कहा जा सकता। इसके लिए सीमांकन कराया जाएगा, तभी स्थिति साफ हो सकेगी। लोगों से पूछताछ में सामने आया कि मस्जिद करीब सौ साल पुरानी है।

एसडीएम मीरगंज तृप्ति गुप्ता ने बताया कि मौके पर की जांच की गई। तालाब का आवंटन सहला बेगम के नाम है। इसका 2017 में पट्टा हुआ था। मछली पालन की वजह से तालाब में पानी भरा है। सीमांकन के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो सकेगी। मस्जिद आबादी की जमीन में ही है, मगर पीछे से तालाब पर अतिक्रमण कर लिया गया है। फिलहाल मौके की स्थिति के आधार पर जांच करते हुए रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है। सीओ अंजनी तिवारी ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। गांव में शांति व्यवस्था बनी है।


मुतावल्ली बोले, दोनों समुदायों में कोई विवाद नहीं
मुतावल्ली सैय्यद मुस्ताक अली ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने से गांव में करीब सौ साल पुरानी मस्जिद है। मस्जिद के पीछे तालाब है। गांव में दोनों समुदाय के लोगों में कोई विवाद नहीं है। दोनों समुदाय के लोग आपस में मिल जुलकर रह रहे हैं। शिकायत करने वाला गांव का नहीं है। सोमवार को दोनों समुदायों के लोग तहसील जाकर अधिकारियों से मिलेंगे। गांव के इसरार ने बताया कि सभी लोग आपस में भाईचारे के साथ रहते हैं।