एक्शन में CM योगी, तलब की भ्रष्ट और लापरवाह राज्य कर अधिकारियों की रिपोर्ट, अकूत संपत्तियों की भी होगी जांच

कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर जोन में सबसे कम कर की वसूली पर कार्रवाई

 एक्शन में CM योगी, तलब की भ्रष्ट और लापरवाह राज्य कर अधिकारियों की रिपोर्ट, अकूत संपत्तियों की भी होगी जांच

लखनऊ, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और लापरवाह राज्य कर अधिकारियों की रिपोर्ट तलब की है। इनकी अकूत संपत्तियों की भी जांच की जाएगी। इसमें व्यापारियों से साठ-गांठ करके कर चोरी के मामलों समेत कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर जोन में खराब वसूली पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव राज्य कर एम देवराज ने मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट देने से पहले अधिकारियों को नोटिस देकर कार्रवाई शुरू कर दी है। लेकिन जल्द ही इनके निलंबन की कार्रवाई भी होगी।

प्रमुख सचिव राज्य कर एम देवराज ने पिछले दिनों नवंबर माह में कर राजस्व वसूली की समीक्षा में पांच जोन कानपुर, लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर और गाजियाबाद में लक्ष्य से सबसे कम कर की वसूली पाई थी। लेकिन इसे चेतावनी देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस बीच जगह-जगह से राज्य कर अधिकारियों की ओर से कर चोरी करके जेब भरने के मामले व्यापारियों की ओर से मुख्यमंत्री योगी तक पहुंचने के बाद प्रमुख सचिव से राज्य कर विभाग से विभिन्न कारणों से कर वसूली में फिसड्डी रहने पर राज्य कर के अधिकारियों पर हुई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।

इसके बाद प्रमुख सचिव ने पांच जोन के अपर आयुक्त ग्रेड-एक को नोटिस जारी करते हुए से कम कर राजस्व वसूली पर स्पष्टीकरण मांगा है। उनमें गाजियाबाद के तत्कालीन अपर आयुक्त ग्रेड-1 दिनेश मिश्र (वर्तमान में बरेली में तैनात), मेरठ के हरिराम चौरसिया, सहारनपुर के धीरेन्द्र प्रताप सिंह, कानपुर के शशांक शेखर मिश्र और लखनऊ के राजेश पांडे हैं।

अन्य जिन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं उनमें गाजियाबाद रेंज ए के संयुक्त आयुक्त(कार्यपालक) अजय प्रताप सिंह, कानपुर रेंज ए के संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) कौशल किशोर शर्मा, लखनऊ रेंज सी के संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) नीरज सिंह और कानपुर जोन दो के संयुक्त आयुक्त (कारपोरेट) रणकेंद्र हैं।

इसके अलावा पांच उपायुक्तों सोनभद्र खंड-तीन के दुर्गा प्रसाद सिंह, उन्नाव खंड-दो के दिनेश कुमार सिंह, खतौली खंड-दो के जयशंकर शाही, लखनऊ खंड-19 के अशोक कुमार त्रिपाठी और गौतमबुद्धनगर नोएडा खंड-तीन के सूरज सिंह गौतम पर भा कार्रवाई की गई है।

पान मसाला लदे ट्रकों को छोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने में बिना बिल पान मसाला ट्रकों को निकालने के मामले में ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। शासन ने चार राज्य कर अधिकारियों को बिना ई-वे बिल के पान मसाला लदे ट्रकों को छोड़ने पर निलंबित करने के बाद तीन सहायक आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी संस्तुति की है।

इन चारों की निगरानी के दौरान ट्रक पान मसाला फैक्ट्री से निकले थे और इन्होंने न तो ई-वे बिल चेक किया न ही उसे स्कैन किया। राज्य कर विभाग ने 24 नवंबर से पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर सहायक आयुक्तों और राज्य कर अधिकारियों की टीमें बनाकर रोटेशन से ड्यूटी लगाई थी। इसमें साफ निर्देश था कि एक-एक ट्रक को चेक किया जाए। इसमें चेतावनी दी गई थी कि क्रॉस चेकिंग के दौरान यदि कोई ट्रक बिना ई-वे बिल के पकड़ा गया तो वहां तैनात संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद भी यहां से पान मसाला के चार ट्रक बिना ई-वे बिल के निकल गए और फैक्ट्री के गेट पर तैनात सहायक आयुक्त और राज्य कर अधिकारियों ने उनके ई-वे बिल चेक नहीं किए। इन सभी ट्रकों को 24 दिसंबर को लखनऊ जोन में जांच के लिए रोका गया तो उसमें पान मसाला लदा मिला लेकिन ई-वे बिल नहीं था। शुरुआती दौर में निगरानी के आदेश को लेकर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। मामले में कानपुर के दो अपर आयुक्त को चार्जशीट भी दी गई थी।

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