Kanpur में यौन शोषण का मामला: ACP मोहसिन की पीएचडी की एनओसी निरस्त, पुलिस मुख्यालय के अफसरों के आदेश पर दर्ज कराएंगे बयान
कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर की पीएचडी छात्रा से यौन शोषण के आरोप में फंसे एसीपी मोहसिन खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डीजीपी की कार्रवाई के बाद एसीपी की पीएचडी की एनओसी निरस्त कर दी गई है। वहीं वह शनिवार को एसआईटी के सामने भी पेश नहीं हुये। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह पुलिस मुख्यालय लखनऊ में तैनात है, वहां के अफसरों की अनुमति मिलने पर ही एसआईटी के सामने पेश होकर अपने बयान दर्ज कराएंगे। वहीं, पीड़ित छात्रा भी नहीं आई। उसकी तरफ से भी आरोपी एसीपी के बयान दर्ज करने के बाद ही अपना बयान दर्ज कराने की बात कही गई है।
यौन शोषण का आरोप लगाते हुए कल्याणपुर थाने में 12 दिसंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मोहसिन 19 दिसंबर को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी और चार्जशीट दाखिल करने पर स्टे ले आए थे। इसी बीच पीएचडी छात्रा ने एसीपी और उसके अधिवक्ता गौरव दीक्षित के खिलाफ कल्याणपुर थाने में एक और एफआईआर दर्ज करा दी। इस मामले में एसीपी के बयान दर्ज करने के लिए एसआईटी ने उन्हें तलब किया गया। इसके लिए बाकायदा तीन बार नोटिस भी भेजे जा चुके हैं। इसी के बाद एसीपी ने एसआईटी के एक सदस्य से संपर्क कर अपना बयान दर्ज कराने की बात कही।
शनिवार को मुख्य विवेचक एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह व उनकी टीम एसीपी के बयान दर्ज कराने के लिए आने की राह देखती रही, लेकिन वह नहीं आए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एसीपी की तरफ से कहा गया कि वह पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं, वहां से संबंधित अफसर से अनुमति मिलने पर ही एसआईटी के सामने पेश होकर बयान दर्ज कराएंगे। अब मुख्य विवेचक पुलिस मुख्यालय में तैनात एसीपी मोहसिन का बयान दर्ज करने के लिए उनके विभाग से संबंधित अफसर को पत्र भेजेंगी।
डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि एसीपी विवेचक और एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए है। अब पुलिस मुख्यालय में जहां एसीपी तैनात हैं, वहां के अफसर को पत्र भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने पर एसीपी के बयान दर्ज किए जाएंगे।