Kanpur में साइबर ठग गिरफ्तार: लोगों को डिजिटल अरेस्ट करते थे, एक आरोपी मदरसे का मौलाना तो दूसरा निकला इंजीनियर
कानपुर, अमृत विचार। कर्नलगंज थानाक्षेत्र में यतीमखाना के पास संचालित किए जा रहे मदरसा की आड़ में साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने भंड़ाफोड़ किया है। यह गिरोह लोगों को डिजिटल अरेस्ट और अन्य तरीकों से शिकार बनाता है। पीड़ितों से ठगी रकम को शातिर मदरसा के खाते में मंगाते थे। पुलिस ने गिरोह के मदरसा के संचालक मौलाना और उसके खास साथी इंजीनियर को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। वहीं गिरोह के दो अन्य सदस्य फरार हो गए हैं, जिनकी टीमें तलाश कर रही हैं।
डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मूलरूप से बिहार के दरभंगा के रैयाम थानाक्षेत्र के ग्राम रजौड़ा निवासी मौलाना मोहम्मद जावेद अख्तर कर्नलगंज के यतीमखाना में मदरसा कसीमुल उलूम फाउंडेशन का संचालक है। शातिर के गिरोह के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट और अन्य तरीकों से ठगी करते थे। उनसे ठगी रकम को आरोपी मदरसा के चैरिटी अकाउंट में मंगाता था। गिरोह का दूसरा सदस्य बेकनगंज के हीरामनका पुरवा निवासी मोहम्मद स्वालेह है। जो आईटी से बीटेक इंजीनियर है। वह खाते में रकम मांगने और उसे अलग-अलग खातों में बांटने के साथ टेक्निकल सपोर्ट का काम करता था। गिरोह शुक्रवार रात को जीआईसी पार्क में ठगी की योजना बना रहा था।
तभी कर्नलगंज पुलिस ने मौलाना मो जावेद अख्तर और मो स्वालेह को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान उसे दो अन्य साथी भागने में सफल रहे। खुलासा करते हुए एडीसीपी सेंट्रल राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस गिरोह ने गुजरात के बड़ोदरा के एक कारोबारी को डिजिटल अरेस्ट कर 65 लाख रुपये की ठगी की थी। शातिरों ने कारोबारी से ठगी गई रकम से 32.50 लाख रुपये मदरसे के अकाउंट में ट्रांसफर किया था। कुछ दिनों पहले बड़ोदरा पुलिस ने मौलाना को नोटिस भेजकर मदरसा के अकाउंट फ्रीज कर दिया था।
जब बड़ोदरा पुलिस ने मदरसे का खाता फ्रीज किया तो मौलाना मो. जावेद अख्तर पकड़े जाने के डर से कमिश्नेट पुलिस और आईजीआरएस में शिकायत की। मौलाना के अनुसार साइबर ठगों ने मदरसे में मदद के नाम पर रकम भेजी है। पुलिस की जांच में सामने आया कि मौलाना ने साइबर ठगों के साथ दिल्ली और लखनऊ में मौजूद था। साइबर ठगों ने मौलाना के सिम का भी प्रयोग किया है। जिसके बाद मौलाना को गिरफ्तार किया गया।