लखनऊः 20 वर्ष से जमे तीन बाबुओं का तबादला, शुरू होगी जांच
PWD के बाबुओं पर BJP विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
लखनऊ, अमृत विचार: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मुख्यालय में 20 वर्ष से जमे तीन बाबुओं की विभागीय जांच कराई जाएगी। उनका तत्काल प्रभाव से मंडल से बाहर स्थानांतरण करने के आदेश दिए गए हैं। उन्नाव जिले के पुरवा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अनिल सिंह की शिकायत पर शासन ने जांच शुरू कराई है। विधायक ने बाबुओं पर भ्रष्टाचार, दुष्कर्म, हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
लोक निर्माण विभाग मुख्यालय में अधिष्ठान वर्ग में तैनात बाबू वीरेन्द्र कुमार का स्थानांतरण आजमगढ़, ओम प्रकाश का मुरादाबाद और वीरेन्द्र कुमार यादव का वाराणसी कर दिया गया है। विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया था कि तीनों बाबू एक ही पटल पर 20 वर्ष से तैनात हैं। इनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति की जांच की भी मांग की गई थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण के भाषण और नीतियों की आलोचना की भी शिकायत की गई थी। इन सभी आरोपों की जांच के बाद शासन ने कार्रवाई करने के साथ जांच के आदेश दिए हैं।
संगठन पदाधिकारी ने लिखा था मुख्यमंत्री को पत्र
लोक निर्माण विभाग नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत सिंह यादव ने मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव से शिकायत की थी। शिकायत में आरोप है कि विभाग में तैनात रही अनुसूचित वर्ग की एक महिला कर्मचारी की दुष्कर्म के बाद मौत हो गई थी। वह संगठन में पदाधिकारी थी। आरोप है कि यौन शोषण के बाद गर्भपात कराया गया। फिर राजकीय चालक संघ भवन ले जाकर हत्या कर दी गई ।
विधानमंडल की समिति ने जताई थी नाराजगी
भारत सिंह यादव ने शिकायत विधानमंडल की अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति से की थी। समिति के अध्यक्ष श्रीराम चौहान ने विभागाध्यक्ष को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। कार्रवाई में देर होने पर चौहान ने मामले को एसआईटी को न भेजे जाने और आरोपियों का ट्रांसफर नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
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