मुरादाबाद : यूपी के अल्पसंख्यकों की शिक्षा को लेकर चिंतित रहते थे मनमोहन सिंह

बीबीसी रेडियो के लिए पत्रकारिता करने वाले अब्दुल हमीद शम्सी से अल्पसंख्यक बच्चों की शिक्षा पर लेते थे राय, मनमोहन सिंह से प्रभावित शम्सी साहब ने मुरादाबाद में खोला था स्कूल

मुरादाबाद : यूपी के अल्पसंख्यकों की शिक्षा को लेकर चिंतित रहते थे मनमोहन सिंह

19 जुलाई 2003 का यह यादगार फोटो। इसमें मरहूम अब्दुल हमीद शम्सी, दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के साथ दिल्ली में एक दावत के दौरान साथ बैठे थे।

मुरादाबाद, अमृत विचार। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यों के बच्चों की शिक्षा को लेकर खासे चिंतित रहते थे। अक्सर अल्पसंख्य बच्चों की शिक्षा के बारे में जानकारी लेते रहते थे और उन पर योजनाएं बनाने के निर्देश भी देते रहते थे। मुरादाबाद के बीबीसी रेडियो के लिए पत्रकारिता करने वाले स्वर्गीय अब्दुल हमीद शम्सी की कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हुई कई मुलाकातों और इस दौरान होने वाली बातचीत के उनके पत्रकार बेटे फरीद शम्सी भी गवाह रहे। इन मुलाकातों में होने वाली बातचीत के बारे में पत्रकार फरीद शम्सी ने अमृत विचार से साझा किया।

फरीद शम्सी बताते हैं कि उनके पिता अब्दुल हमीद शम्सी अपने शुरुआता दिनों में मुंबई में रहते थे और बीबीसी रेडियो के लिएं पत्रकारिता करते थे। इसके बाद वह 1975 में मुरादाबाद आ गए। पत्रकारिता के दिनों से ही कांग्रेस के दिग्गज नेता जगदीश टाईटलर से करीबी संबंध थे। फरीद बताते हैं कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की ओर से आयोजित होने वाले रोजा इफ्तार कार्यक्रम में उनके पिता अब्दुल हमीद शम्सी को भी बुलाया जाता था। कई बार वह मुझे भी अपने साथ लेकर जाते थे। इस दौरान पापा की कांग्रेस लगभग सभी बड़े नेताओं से बातचीत होती थी। रोजा इफ्तार में सोनिया गांधी और नटवर सिंह जैसे दिग्गज कांग्रेसी भी पहुंचते थे। पत्रकार होने के नाते कांग्रेस के बड़े लीडर पापा से उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के बारे में जानकारी लेते थे। तब पापा उनसे कहते थे कि बस अल्पसंख्यकों के बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधर जाए तो फिर उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो जाएगी।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री रहने के दौरान कई बार अब्दुल हमीद शम्सी की उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को लेकर बातचीत हुई। मनमोहन सिंह जी बहुत अच्छे व्यक्तित्व के थे। फरीद बताते हैं कि मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता पापा से हुई बातचीत को अपने पास नोट भी करते थे और यह वादा भी करते थे कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार की तरफ से बेहतर व्यवस्था कराई जाएगी।

फरीद बताते हैं कि वर्ष 2009 में मनमोहन सिंह के दुबारा प्रधानमंत्री बनने पर पापा को यह उम्मीद हुई कि अब केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के बच्चों की शिक्षा को लेकर मजबूती से कदम उठाएगी। वह बताते हैं कि अल्पसंख्य बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित रहने वाले पापा ने 1990 के दशक में करुला इलाके में शम्सी पब्लिक स्कूल खोला था। जहां पर पढ़ने वाले 80 प्रतिशत बच्चों की फीस, ड्रेस और किताबों की व्यवस्था लोगों की मदद से कराई जाती थी। पापा के वर्ष 2013 में निधन के बाद कुछ समय तक स्कूल चला। क्षेत्र में दूसरे स्कूल खुलने के कारण बच्चे कम होते गए। साथ ही स्कूल के रास्ते की वजब से मजबूरी में स्कूल बंद करना पड़ा।

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