प्रयागराज: 31 तक पूरा होगा महाकुंभ के लिए भूमि आवंटन, 10 हजार संस्थाओं के आने की है संभावना

प्रयागराज: 31 तक पूरा होगा महाकुंभ के लिए भूमि आवंटन, 10 हजार संस्थाओं के आने की है संभावना

महाकु्म्भनगर/प्रयागराज, अमृत विचार। सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 को अब चंद दिन शेष रह गए हैं और मेला क्षेत्र में गितिविधियां तेजी से बढ़ गई हैं। महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण अखाड़ों की स्थापना का कार्य भी प्रगति पर है और दो से तीन अखाड़ों का छावनी प्रवेश भी हो चुका है। मेला प्राधिकरण की ओर से अखाड़ा समेत ज्यादातर संस्थाओं को भूमि आवंटन का कार्य भी पूरा किया जा चुका है, जबकि शेष संस्थाओं समेत नई संस्थाओं को भूमि आवंटन का कार्य प्रगति पर है और इसे 31 दिसंबर तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है।

उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने अपनी विजिट के दौरान भूमि आवंटन के कार्य में तेजी लाते हुए 31 दिसंबर तक इसे पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। सीएम योगी के निर्देश के बाद त्वरित गति से संस्थाओं को भूमि आवंटन का कार्य किया जा रहा है। अब तक 4 हजार से ज्यादा संस्थाओं को भूमि आवंटित कर दी गई है। महाकुंभ में 8 हजार से 10 हजार के बीच संस्थाओं के आने का अनुमान है। 

नई संस्थाओं को भूमि आवंटन की प्रक्रिया तेज
मेला प्राधिकरण के अनुसार, अब तक समस्त अखाड़ों, उनके अनुगामी अखाड़ों के साथ महामंडलेश्वर, खालसा, दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा, खाकचौक का भूमि आवंटन पूरा कर लिया गया है, जबकि प्रयागवाल और नई संस्थाओं को भूमि आवंटन 31 तक पूर्ण किया जाना है। सीएम योगी के समक्ष हुई समीक्षा बैठक के दौरान उन्हें बताया गया था कि कुल 4268 संस्थाओं को भूमि आवंटित कर दी गई है। इसमें अखाड़ों और उनके अनुगामी अखाड़ों को 19, महामंडलेश्वर को 460, खालसा को 750, दंडीवाड़ा को 203, आचार्यवाड़ा को 300, खाकचौक को 300 और अन्य को 1766 भूमि आवंटन का कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं, प्रयागवाल को अब तक 450 भूमि आवंटन किए जा चुके हैं। प्रयागवाल को भूमि आवंटन का कार्य 12 दिसंबर से शुरू हुआ है, जो 31 दिसंबर तक चलेगा। इसी तरह, नई संस्थाओं को भूमि आवंटन का कार्य भी 16 दिसंबर से शुरू हो गया है, जिसे 31 तक पूरा कर लिया जाएगा। 

चल रहा निर्माण और सजावट का कार्य
अखाड़ों समेत जिन-जिन संस्थाओं को भूमि आवंटन हो चुका है, उनके टेंटेज का कार्य भी पूरी तेजी से आगे बढ़ रहा है। झूंसी क्षेत्र में अखाड़ों, महामंडलेश्वर, खालसा, दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा, खाकचौक समेत अनेक संस्थाओं के लोग अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुरूप टेंट और सजावट के कार्य में जुटे हैं। प्रशासन की ओर से यहां चेकर्ड प्लेटें बिछा दी गई हैं और साइनेज भी तेजी से लगाए जा रहे हैं, ताकि आने वाले लोग अपनी संस्थाओं तक आसानी से पहुंच सकें। इसके अलावा लाइटिंग समेत अन्य आवश्यक कार्य भी पूरी गति से किए जा रहे हैं। जूना अखाड़ा और आवाहन अखाड़े का छावनी प्रवेश भी हो चुका है, जबकि गुरुवार को ही अग्नि अखाड़े का भी छावनी प्रवेश हुआ है। इस तरह, सभी अखाड़ों और संस्थाओं में गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं और एक जनवरी तक यह क्षेत्र पूरी तरह सज संवर कर तैयार हो जाएगा।

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