Kanpur: फुटपाथों पर दुकानें, सड़कों पर ग्राहकों के वाहन, कई दुकानें हैलट गेट पर ही लगीं, सामने है थाना पर कोई रोकता नहीं

Kanpur: फुटपाथों पर दुकानें, सड़कों पर ग्राहकों के वाहन, कई दुकानें हैलट गेट पर ही लगीं, सामने है थाना पर कोई रोकता नहीं

कानपुर, अमृत विचार। यातायात पुलिस तनिक भी गंभीर हो जाए तो शहर में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे जाम को कम किया जा सकता है। नगर निगम, ट्रैफिक और इलाकाई पुलिस अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभाते और अतिक्रमण पर आंखें मूंदे रहते हैं इससे जाम और यातायात अराजकता खत्म नहीं हो पा रही। न अराजक ई रिक्शों पर कोई लगाम है और न ही आटो-टेपों की आड़ी तिरछी चाल पर। 

बीच सड़क वाहन खड़े करके सवारी बैठाने-उतारने से लगभग हर सड़क पर यातायात प्रभावित होता है। ठेलिया दुकानदारों को हटाने के बजाये उन्हें सिर्फ पीछे दुकान लगाने के लिए कह दिया जाए तो रात मिल सकती है। हर चौराहे पर लेफ्ट कार्नर खाली होना चाहिए लेकिन ऐसा कहीं नहीं है।

हैलट हॉस्पिटल का गेट

शहर के सबसे बड़े हैलट अस्पताल के गेट पर ही नो वेंडिंग जोन का बोर्ड लगा है लेकिन यहीं दर्जनभर दुकानें सड़क पर सजी हुई हैं। इन दुकानों पर लोग खरीदारी करते रहते हैं और उनके वाहन सड़क पर ही खड़े होते हैं। एक तरफ की पूरी लेन पर एंबुलेंस खड़ी रहती हैं जिससे यहां ट्रैफिक फंसता है। खास बात यह है कि पोस्टमार्टम हाउस से लेकर मेडिकल कालेज पुल पर अतिक्रमण है जबकि स्वरूपनगर थाना ठीक सामने है।

जरीब चौकी चौराहा हमेशा जाम

शहर का सर्वाधिक ट्रैफिक लोड जरीब चौकी चौराहा जीटी रोड पर है लेकिन चौराहे के चारों ओर ठेलिया दुकानदार आधी सड़क घेरे रहते हैं। कोई इन्हें पीछे करने वाला नहीं है। रही-सही जगह ईरिक्शा और आटो-टेंपों वाले घेरे रहते हैं जबकि यहीं पर ट्रैफिक पुलिस की टीम लगी रहती है। 

यहां ठेलियों के कारण चार पहिया वाहन मुड़ नहीं पाते। कालपी रोड से रेलवे क्रासिंग पार करके रावतपुर की ओर हैवी वाहन मुड़ते हैं लेकिन यहीं पर टेंपो, आटो, ई रिक्शा बीच सड़क पर खड़े रहते हैं जो सवारी के चक्कर में जल्दी हटते नहीं है और हैवी वाहन के पीछे लंबा जाम लगा रहता है।

रामादेवी चौराहा हादसों का गढ़

अति व्यस्त इस चौराहे पर रोडवेज की बसें, ई रिक्शा, टेंपो के अलावा लखनऊ जाने वाली जुगाड़ वाले डग्गामार वाहन सड़क पर सवारी भरते रहते हैं जिससे यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। यहीं बगल में ही ट्रैफिक की बड़ी टीम खड़ी रहती है लेकिन इन सब की नजर सिर्फ गैर जनपद से आने वाले वाहनों पर रहती है। संकरी रोड और ज्यादा ट्रैफिक लोड होने के कारण यहां अक्सर हादसे भी होते हैं।

गुमटी नंबर पांच बाजार बेजार

बड़े बाजार गुमटी नंबर पांच के डिवाइडर किनारे सैकड़ों दो पहिया एवं चार पहिया वाहन खड़े रहते हैं, दोनों ओर फुटपाथ पर दुकानें लगी रहती हैं जिससे यहां शाम होते ही जाम लगता है। दिन में भी चौपहिया वाहन लेकर गुजरना कठिन होता है। यहां दुकानों को तरतीब से कोई नहीं लगाता। पक्के दुकानदारों ने आगे का फुटपाथ ठेली-खोमचे वालों को किराए पर उठा रखा है। इसके आगे सड़क पर ग्राहकों के वाहन खड़े होते हैं।

पी रोड बाजार से गुजरना दूभर

संकरी रोड पर बसे पी रोड बाजार का हाल भी कुछ ऐसा ही है। बजरिया से पी रोड वनखंडेश्वर मंदिर मोड़ तक यातायात ठीक रहता है लेकिन उसके बाद ठेलिया दुकान सड़क पर लगाए रहते हैं। ठेलिया दुकानों की लाइनें जरीब चौकी चौराहे तक रहती हैं। इन्हें व्यवस्थित करने की जरूरत है। यहां भी पक्के दुकानदारों ने आगे का फुटपाथ किराए पर उठा दिया है जिसपर अस्थाई दुकाने लगती हैं और यातायात फंसता है।

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