Kanpur: ACP मो. मोहसिन खान की नहीं होगी गिरफ्तारी; इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, IIT छात्रा ने यौन उत्पीड़न में दर्ज कराई थी FIR
कानपुर, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईआईटी कानपुर की छात्रा के यौन शोषण मामले में लव जेहाद के आरोपों में फंसे एडिशनल पुलिस कमिश्नर मोहम्मद मोहसिन खान को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे पर रोक लगाते हुए विपक्षियों से जवाब मांगा है।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान और न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद एसीपी मोहसिन की याचिका स्वीकार करते हुए पारित किया। मामले के अनुसार जुलाई 2024 में कानपुर शहर में तैनाती के दौरान मोहसिन खान आईआईटी से साइबर क्राइम इनवेस्टिगेशन एंड साइबर क्रिमिनोलॉजी से पीएचडी कर रहे थे।
पश्चिम बंगाल निवासी पीड़िता आईआईटी में चौथे सेमेस्टर से पीएचडी कर रही थी, तभी दोनों के बीच दोस्ती हुई और संबंध बने। पीड़िता ने एसीपी के खिलाफ बीएनएस, 2023 की धारा 69 के तहत पुलिस स्टेशन कल्याणपुर, कानपुर नगर में दर्ज प्राथमिकी में उन पर शादी का वादा कर पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने का आरोप लगाया है। हालांकि याची/ एसीपी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
पीड़िता स्वयं शादीशुदा है और उसने अपने विवाहित होने का सत्य याची से छिपाया था। बता दें कि याची ने हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल वर्तमान याचिका में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने और अंतिम फैसला आने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की अपील की थी, जिसे स्वीकार करते हुए अंत में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया।
ये है मामला
लखनऊ निवासी पीपीएस अधिकारी मो. मोहसिन खान की तैनाती कानपुर कमिश्नरेट में 12 दिसंबर 2023 में हुई थी। मोहसिन खान को एसीपी कलक्टरगंज सर्किल के साथ साइबर क्राइम की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
जुलाई 2024 में शहर में तैनाती के दौरान मोहसिन खान आईआईटी से साइबर क्राइम इनवेस्टिगेशन एंड साइबर क्रिमिनोलॉजी से पीएचडी करने लगे थे। पश्चिम बंगाल निवासी एक छात्रा आईआईटी में चौथे सेमेस्टर से पीएचडी कर रही है। छात्रा ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि मोहसिन खान ने झूठ बोलकर उनका यौन शोषण किया।