कासगंज: ये तीर्थ धाम ऐसा है, यहां घर-घर वास हैं तुलसी दास

कासगंज: ये तीर्थ धाम ऐसा है, यहां घर-घर वास हैं तुलसी दास

सोरोंजी: अमृत विचार: सोरोंजी शूकर क्षेत्र में चल रहे मार्गशीर्ष मेला महोत्सव में मंगलवार की अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। देश भर से आए कवियों और कवयित्रियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कीं। कविताएं सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा है। कार्यक्रम के दौरान नगर पालिका चेयरमैन ने सभी कवियों और कवयित्रियों को शॉल ओढ़ाकर और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

अंतरराष्ट्रीय कवित्री सपना सोनी दिल्ली ने मां सरस्वती की वंदना के साथ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। लखनऊ से आई कवयित्री डॉ. सरला शर्मा ने लखनऊ ने अपनी रचनाओं की में प्रस्तुति दी। कविता पढ़ते हुए कहा कि में नमन करू सोरों की धरती को, ये तीर्थ धाम ऐसा है, यहां  घर-घर वास हैं, तुलसी दास सुनकर श्रोतागणों की खूब वाह-वाही लूटी। 

सिकंद्राराऊ से सोरों शूकर क्षेत्र आई कवित्री उन्नति भारद्वाज ने कविता कुछ इस तरह पढ़ी कि लाये धरा जीत धराणीधर, दुनिया पुनः वसाई है, हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी प्रयागराज ने पढ़ा हम अपना दर्द बांटे या न बांटे अपनी खुशी बांटे, खुलकर सारे गम अपने सभी के संग खुशी बांटे, आगरा से आये पदम गौतम ने कवि राजनीति का खेल ये खेले ना जाने रघुराई, मुंबई से आये सुरेश अलबेला ने पढ़ा उसका कद हिमालय से भी बड़ा होता है, जो देश की रक्षा के लिए सरहद पर खड़ा होता है। 

लखनऊ से आए कवि योगेश चौहान ने पढ़ा दया भगवान करें हम तो करेंगे नहीं  शत्रुओं के शीश को गले में हार डालेंगे, सपना सोनी ने कविता पढ़ाते हुए कहा कि अगर तुम आचमन करलो गंगा जल में हो जाऊ, अगर तुम आंचलो मुझको तो फिर काजल में हो अगर कवित पढ़कर जमकर तालियां बटोरी। कार्यक्रम के दौरान नगर पालिका चेयरमैन रामेश्वर दयाल महेरे ने मेला महोत्सव में आए कवि और कवयित्रियों को शॉल ओढाकर और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित, अनुभव, सतीश भारद्वाज, कैलाश कटारे, संपूर्णा नंद भारद्वाज, रजनेश निर्भय सहित बड़ी संख्या में सोरों के तीर्थपुरोहित मौजूद रहे।

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