बदायूं: कृषक दुर्घटना योजना का आवेदन किया था निरस्त... कोर्ट के आदेश पर एसडीएम व मंडी सचिव देंगे दो लाख रुपये
पोस्टमार्टम नहीं कराने के कारण आवेदन किया था निरस्त, सांप के काटने से हुई थी किसान की मौत
बदायूं, अमृत विचार। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष काली चरन ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना का लाभ न दिए जाने पर एसडीएम दातागंज और मंडी समिति सचिव को याची को 30 दिनों में दो लाख रुपए देने का आदेश पारित किया है। योजना के लाभ लेने के लिए मृतक किसान की पत्नी ने आवेदन किया था लेकिन एसडीएम दातागंज ने शव का पोस्टमार्टम न कराए जाने की वजह से आवेदन निरस्त कर दिया था।
तहसील दातागंज क्षेत्र के गांव किशनी मेहरा निवासी मुन्नी देवी ने स्थाई लोक अदालत में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पति नन्हें पुत्र रामपाल एक अप्रैल 2021 को खेत पर गेहूं की कटाई का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान सांप ने उन्हें डस लिया। पति ने शोर मचाया तो आसपास खेतों पर काम कर रहे किसान दौड़कर पहुंचे। नन्हें को जिला अस्पताल ले गए। जहां से उन्हें बरेली के अस्पताल के लिए रेफर कर दिया लेकिन उसी दिन नन्हें की मौत हो गई। मुन्नी देवी ने नन्हें के शरीर से पानी निकलने की वजह से पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया था। मुन्नी देवी ने बताया कि उनके पति खेती करके परिवार का पालन पोषण करते थे। परिवार में वही कमाने वाले एक मात्र सदस्य थे। मुन्नी देवी ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा का लाभ लेने के लिए नौ जून 2021 को मंडी समिति सचिव कार्यालय में आवेदन किया था। कुछ समय के बाद पता चला कि उनका आवेदन निस्तारण के लिए एसडीएम दातागंज के पास गया है। कुछ दिनों के बाद एसडीएम ने आवेदन निरस्त कर दिया। कहा कि पोस्टमार्टम नहीं कराया गया है इसलिए आवेदन निरस्त किया जाता है। जिसके चलते मुन्नी देवी ने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष काली चरन, सदस्य राकेश कुमार रस्तोगी व स्वदेश कुमारी ने याचिका स्वीकार की। दोनों पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद एसडीएम दातागंज और मंडी समिति सचिव को क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपये देने का आदेश दिया है।
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