Indian Railway: अब कोहरे में भी दौड़ेंगी ट्रेनें...रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा व लेट होने से बचाने को लगवाई फाग सेफ्टी डिवाइस
उन्नाव, अमृत विचार। लगातार बढ़ रहे कोहरे को देखते हुए ट्रेनों में सफर करने वालों को सुरक्षित रखने के लिए रेलवे ने सकारात्मक कदम उठाया है। रेलवे द्वारा ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई गई है। ताकि लोको पायलट को 500 मीटर पहले ही सिग्नल की जानकारी आसानी से मिल जाएगी।
इससे ट्रेन देरी से भी नहीं पहुंचेगी। लखनऊ-कानपुर रेल मार्ग स्थित उन्नाव स्टेशन से लगभग एक सैकड़ा से अधिक ट्रेने गुजरतीं हैं। इनमें लाखों यात्री सफर करते हैं। कोहरा होने के कारण ट्रेन चलाने में लोको पायलट को परेशानी होती है और हादसा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसे देखते हुए ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे ने गंभीरता दिखाई है।
बता दें कि यात्रियों की सुरक्षा और लोको पायलट की सुविधा के लिये रेलवे ने ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई है। इंजन में लगने वाले इस उपकरण से लोको पायलट सचेत रहता है। सिग्नल आने के 500 मीटर पहले ही इस उपकरण में लगा अलार्म बजने लगता है। वहीं कोहरे के दौरान फॉग सेफ्टी डिवाइस सुरक्षित ट्रेन संचालन का सबसे बड़ा उपकरण है। इस डिवाइस की मदद से लोको व सहायक लोको पायलट हालात पर नजर रखते हैं।
500 मीटर पहले ही चल जायेगा आउटर सिग्नल का पता
इस डिवाइस की खासियत है कि रनिंग ट्रेन में भीषण कोहरे के दौरान भी लोको पायलट को 500 मीटर पहले ही पता चल जाएगा कि अगले स्टेशन का आउटर सिग्नल आने वाला है। ऐसे में लोको पायलट सतर्क हो जाएंगे और ट्रेनों की गति कम कर आउटर सिग्नल पर ध्यान रख सकेंगे। यह लाल है या हरा, इसकी सूचना मिलने के बाद सभी तरह के संभावित खतरों से बचा जा सकेगा।
जिस स्टेशन पर रुकना है इसकी सूचना भी उन्हें 500 मीटर पहले ही मिल जाएगी। इन खूबियों के कारण यह सिस्टम काफी सुविधाजनक साबित होगा। इस सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए लोको पायलटों को ट्रेंड भी किया गया है। ट्रेन में बैठने से पूर्व लोको पायलट को इस संयंत्र को लेना अनिवार्य होगा ताकि वे बेहिचक ट्रेन चला सकें।
फॉगपास प्रणाली की मदद से घने कोहरे में भी दौड़ेंगी ट्रेनें
फॉग सेफ्टी डिवाइस पूरी तरह जीपीएस सिस्टम पर आधारित है। विभागीय अधिकारी के अनुसार, इस संयंत्र में पहले से संबंधित ट्रेनों का पूरा रुटचार्ट फीड रहेगा। संयंत्र को पूरी जानकारी होगी कि इस ट्रेन को किन-किन स्टेशनों पर रुकना है और किन सिग्नलों पर बिना रुके निकलना है।
यह सिस्टम पूरी तरह अक्षांश-देशांतर पर काम करता है। जैसे ही ट्रेन किसी स्टेशन के सिग्नल के नजदीक होगी फॉगपास संयंत्र से स्वत: आवाज आने लगेगी। इस प्रकार यह संयंत्र लोको पायलट को सतर्क करना शुरू कर देगा। यह सिग्नल की दूरी व स्टेशन की दूरी की सूचना दे पाने में सक्षम होगा। जो ट्रेनों के परिचालन में बेहद सुविधाजन रहेगा।
ट्रेन लेट होने की समस्या भी होगी कम
जिन ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई गई है उनके स्टेशन पर देरी से पहुंचने की समस्या भी काफी कम हो जाएगी। क्योंकि डिवाइस को सिग्नल मिलने के बाद ट्रेन की स्पीड पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर अन्य किसी कारण से ट्रेन रोकी जाती है तो तब समस्या हो सकती है।
बोले जिम्मेदार
स्टेशन अधीक्षक सुधांशु मोहन ने बताया कि कोहरे को देखते हुए सभी ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगा दी गई है। यह डिवाइस 500 मीटर पहले ही सिग्नल के बारे में बता देती है। इससे हादसे की आशंका काफी कम रहेगी और ट्रेन की स्पीड भी प्रभावित नहीं होगी।
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