माकपा नेता मुकेश पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली अभिनेत्री का दावा, सरकार से कोई सुरक्षा नहीं मिली

माकपा नेता मुकेश पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली अभिनेत्री का दावा, सरकार से कोई सुरक्षा नहीं मिली

कोच्चि (केरल)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विधायक एम. मुकेश सहित कई अभिनेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 51 वर्षीय मलयालम अभिनेत्री ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘‘केरल सरकार से समर्थन के अभाव और सुरक्षा नहीं मिलने’’ के कारण अपनी शिकायतों को आगे बढ़ाने की इच्छुक नहीं हैं। शिकायतकर्ता ने राज्य सरकार पर भी ‘‘लापरवाही’’ बरतने का आरोप लगाया और कहा कि वह ‘‘मानसिक रूप से थक चुकी हैं’’ और इसलिए शिकायत को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक नहीं है।

अभिनेत्री ने कहा, ‘‘मैं सभी को बताना चाहती हूं कि इस संबंध में सरकार की लापरवाही और इस तरह खुलकर सामने आई एक महिला को सुरक्षा देने में कोताही के कारण मुझे अपनी क्षमता से अधिक कठिनाई झेलनी पड़ी। मैं मानसिक रूप से थक चुकी हूं। वे एक महिला की मदद या सुरक्षा नहीं कर रहे हैं।’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसलिए मैं इन मामलों को आगे नहीं बढ़ाना चाहती। ऐसा इसलिए नहीं है कि मैंने किसी के साथ समझौता कर लिया है।’’

उन्होंने दावा किया कि मनियानपिल्ला राजू और इदावेला बाबू सहित अन्य अभिनेताओं के खिलाफ उनकी शिकायतों के बाद उन्हें (अभिनेत्री को) यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) मामले में आरोपी बनाया गया था और सरकार ने उनकी (अभिनेत्री की) सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं निर्दोष हूं। मैं न्याय चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि मेरे खिलाफ दर्ज पॉक्सो के मामले की गहनता और शीघ्रता से जांच हो। अगर मैंने आत्महत्या कर ली तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।’’ मुवत्तुपुझा पुलिस ने अभिनेत्री के खिलाफ उसके रिश्तेदार की शिकायत के आधार पर पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

पुलिस के अनुसार, घटना 2014 में हुई थी। रिश्तेदार का आरोप है कि घटना के समय वह नाबालिग थी और अभिनेत्री ‘सेक्स रैकेट’ चला रही थी। अभिनेत्री ने आरोपों का जोरदार खंडन किया था और दावा किया था कि महिला रिश्तेदार पर उनका कुछ पैसा बकाया है और ये आरोप हाई-प्रोफाइल अभिनेताओं के खिलाफ उनकी शिकायत से ध्यान हटाने के लिए लगाए गए थे।

अभिनेताओं के खिलाफ अभिनेत्री के आरोप न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट के खुलासे के मद्देनजर सामने आए, जिसमें मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा हुआ, जिससे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी। न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन केरल सरकार ने 2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले के बाद किया था।

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