उन्नाव में अधर पर लटका पड़ा डकारी और मुन्नू बगिया एसटीपी का कार्य, गिर रहे नाले
कार्तिक पूर्णिमा स्नान होने के बावजूद इंद्रा नगर में गंगा में गिर रहा नाला
उन्नाव, अमृत विचार। गंगा का स्वच्छ और निर्मल रखने के लिये गंगाघाट क्षेत्र के डकारी और अहमद नगर मुन्नू बगिया में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माणाधीन है। समय अवधि पूरी होने के बावजूद अभी तक दोनों स्थानों पर एसटीपी का कार्य पूरा नहीं हो सका है।
जिससे कई छोटे-बड़े नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं। जो गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं। वहीं शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा स्नान भी होना है। इसके बावजूद पालिका क्षेत्र के इंद्रा नगर का नाला सीधे गंगा में गिर रहा है। जो श्रद्धालुओं की आस्था पर ठेस पहुंचा रहा है।
नमामि गंगे परियोजना के तहत डकारी गांव में 38 करोड़ की लागत से पंद्रह एमएलडी का कानपुर रीवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड संस्था की ओर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनवाया जा रहा है। इसके साथ ही अहमद नगर मुन्नू बगिया के पास 3 बीघा 8 बिस्वा जमीन पर एसटीपी लगभग 35 करोड़ की लागत से बनवाया जा रहा है।
पिछले वर्ष मई को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, विशेष सचिव नमामि गंगे प्रवीण मिश्रा ने डकारी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया था और जून के अंतिम सप्ताह तक कार्य पूरा करने के निर्देश दिये थे। एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है।
वहीं अहमद नगर में एसटीपी के कार्य की भी समय अवधि पूरी हो चुकी है, वह भी अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है, ऐसे में कैसे गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखा जायेगा, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जो नाले और नालियां गंगा में गिर रही हैं उनमें डीरेमीडेशन कराया गया है, काफी हद तक प्रदूषण कम होगा और स्नानार्थियों को कोई दिक्कत नहीं होगी।- कौमुदी पांडे, अध्यक्ष नगर पालिका गंगाघाट
इंद्रा नगर का नाला सीधे गिर रहा है गंगा में
शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा स्नान होना है, इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन की ओर से इंद्रा नगर का बड़ा नाला अभी तक नहीं बंद कराया गया है। जिससे दर्जनों मोहल्लों से निकला गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। जिससे गंगा का पानी काला होता जा रहा है।
घरों का पानी भी जा रहा है गंगा में
मिश्रा कॉलोनी से लेकर जाजमऊ स्थित चंदन घाट तक दर्जनों छोटे बड़े नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं। इसके अलावा मिश्रा कॉलोनी की ओर कई घरों का गंदा पानी सीधे गंगा में बहाया जा रहा है। पालिका ने कई बार ऐसे मकान मालिकों को नोटिसें भी जारी की है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की।
शोपीस बनी जैविक मीडिया समाधान की टंकी
सहायक निदेशक नगर निकाय लखनऊ गिरिश कुमार द्विवेदी ने 25 अक्टूबर को पालिका पहुंचे थे, जहां उन्होंने पालिका प्रशासन को निर्देश दिया कि गंगा में गिरने वाले नालों की गंदगी को साफ करने के लिए डीरेमीडेशन तकनीक का उपयोग किया जाए। जिस पर पालिका ने टंकी तो रखवा दी लेकिन उसमें जैविक रसायन नहीं डलवाया गया। जिससे वह शो पीस बनी हुई है।