इज्जतनगर मंडल: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने की तैयारी तेज, जानें कब होगी शुरू और कहां-कहां से गुजरेगी?

इज्जतनगर मंडल: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने की तैयारी तेज, जानें कब होगी शुरू और कहां-कहां से गुजरेगी?

बरेली, अमृत विचार : पूर्वोत्तर रेलवे का इज्जतनगर मंडल जल्द ही वंदे भारत ट्रेन चलाएगा। स्लीपर कोच वाली ट्रेन को रामनगर या लालकुआं से मुंबई तक चलाने की योजना है। इसके लिए ट्रैक तैयार करने के लिए काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। किच्छा में ट्रैक की मजबूती का काम भी इसी योजना का हिस्सा है।

इज्ज्तनगर मंडल को वंदे भारत ट्रेन पहले ही मिल गई थी, लेकिन वाशिंग लाइन की दिक्कत और ट्रेन की स्पीड के अनुसार ट्रैक की मजबूती नहीं होने से इनका चलना टल गया था। अब उम्मीद जताई जा रही है कि छह महीने में ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा।

रेलवे के सूत्रों के अनुसार काठगोदाम स्टेशन की वाशिंग लाइन में ट्रेन को खड़ी करने की जगह की कमी है। ऐसे में लालकुआं या रामनगर से मुंबई के लिए वंदे भारत स्लीपर चल सकती है। इसकी तैयारी चल रही है। मौजूदा समय मंडल में 110 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड का ट्रैक है, जबकि वंदे भारत की गति तेज होती है। मंडल में कई जगह रेल लाइन और सड़क पास-पास हैं। इससे यहां जानवरों के हताहत होने का खतरा बना है। इसे रोकने के लिए किनारों पर फैंसिंग का काम किया जा रहा है। इसका टेंडर भी हो चुका है। वंदे भारत का मार्ग भी लगभग तय हो गया है। रुद्रपुर या लालकुआं से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन सिटी स्टेशन और जंक्शन के एनईआर जंक्शन पर रुकते हुए कासगंज मथुरा होते हुए एनसीआर रूट से मुंबई को जा सकती है।

एक मशीन और मंगाई, अब तेज होगा काम
किच्छा में बीसीएम से पत्थरों को साफ करने का काम किया जा रहा है। यहां कई दिनों से काम चल रहा है। चार घंटे के ब्लाक में हर रोज 400 मीटर काम हो रहा था लेकिन रविवार की रात एक और मशीन मंगाकर 700 मीटर तक काम पूरा किया गया। बीसीएम डिरेल होने से तीन दिन काम प्रभावित रहा तो अब एक मशीन और मंगा ली गई है। गोरखपुर से एक और मशीन आने से अब यहां पांच मशीनों के जरिए पत्थरों की सफाई का काम किया जाएगा।

रेल पटरियां भी बदली जाएंगी
मंडल में कई जगह पुरानी पटरी पड़ी हैं जो 52 और 60 किलो की हैं, जबकि 52 किलो की रेल पटरी पर हाईस्पीड ट्रेन नहीं चलाई जा सकती है। भोजीपुरा-मैलानी रूट पर 60 किग्रा की पटरी डाली गई है। इसके अलावा कई सेक्शनों में भी पटरियां बदली जा चुकी हैं।
लकड़ी के बेकार स्लीपरों से बना रहे मजबूत सड़क

रेल पटरियों को अब नीलाम न कर इनका उपयोग फैंसिंग बनाने में किया जा रहा है। इसी तरह लकड़ी के निकले बेकार स्लीपरों का भी सदुपयोग किया जा रहा है। रुद्रपुर स्टेशन पर इन्हीं स्लीपरों का उपयोग स्टेशन पर सड़क बनाने में किया गया है। यह सीसी रोड से ज्यादा मजबूत सिद्ध हो रहे हैं।

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