Prayagraj News : छात्रसंघ चुनाव मामले में निर्देश के लिए विश्वविद्यालय के अधिवक्ता को दिया समय
अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में गत छह वर्षों से छात्रसंघ चुनाव न कराने पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एलएलएम छात्र कैफ हसन द्वारा एक जनहित याचिका के माध्यम से अनुरोध किया गया है कि एएमयू द्वारा 2019 से चुनाव न कराना छात्रों के अधिकारों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन है।
एएमयू एक्ट, 1920 और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार एएमयू को हर साल तय समय सीमा के भीतर छात्रसंघ चुनाव कराना चाहिए। गौरतलब है कि एएमयू में पिछले छह वर्षों यानी 2019 से 2024 तक छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए हैं। याचिका में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने छात्रसंघ चुनाव के महत्व पर बल दिया था और छात्रसंघ चुनाव न कराना जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट की अवज्ञा है। याचिका में यह भी बताया गया है कि विश्वविद्यालय को यूजीसी से भारी मात्रा में अनुदान प्राप्त हुआ है, जिसमें छात्रसंघ के लिए धनराशि भी शामिल है।
हालांकि इसका उपयोग नहीं किया गया है। याचिका में छात्रसंघ चुनाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा गया है कि एएमयू में लगभग 40,000 छात्र नामांकित हैं और छात्रों की शिकायतों और अन्य संबंधित समस्याओं के उचित प्रतिनिधित्व के लिए छात्र संघ की आवश्यकता है, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को अपने मुद्दों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक आवाज और निकाय की आवश्यकता है । उक्त मामले में न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने एएमयू के अधिवक्ता को विश्वविद्यालय से निर्देश प्राप्त करने के लिए 10 दिन का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।