Kanpur: वृद्धों की पेंशन नहीं मिलने से फीकी रह गई दीपावली, समाज कल्याण विभाग के पास बजट नहीं, 12,651 लाभार्थी चार माह से काट रहे चक्कर

Kanpur: वृद्धों की पेंशन नहीं मिलने से फीकी रह गई दीपावली, समाज कल्याण विभाग के पास बजट नहीं, 12,651 लाभार्थी चार माह से काट रहे चक्कर

कानपुर, अमृत विचार। पति की मृत्यु के बाद मिलने वाली आर्थिक सहायता हो या आपराधिक घटना के शिकार अनुसूचित जाति, जनजाति के पीड़ित सभी निराश हैं। समाज कल्याण विभाग से संचालित योजना वृद्धा पेंशन, पारिवारिक, एससी-एसटी उत्पीड़न का लाभ 12,651 लाभार्थियों को बजट के अभाव में नहीं मिल पा रहा है। फरियादी 4 माह से विभाग के चक्कर काट रहे हैं और अफसर उन्हें लौटा रहे हैं। बजट कब आएगा, कब पेंशन या मदद मिलेगी, यह बताने वाला कोई नहीं है। योजनाओं में करीब 6.74 करोड़ रुपये का भुगतान होना है।

समाज कल्याण विभाग गरीब वर्ग को वृद्धा पेंशन, पारिवारिक लाभ और एससी-एसटी वर्ग के पीड़ितों को आर्थिक मदद देता है। वृद्धा पेंशन योजना के तहत प्रति माह एक हजार रुपये और पारिवारिक लाभ योजना में 30 हजार  और उत्पीड़न के मामले में घटना के आधार पर राहत राशि दी जाती है। सभी योजनाओं में केंद्र और राज्य सरकार से बजट जारी होता है। 

जून माह में पारिवारिक लाभ योजना के 774 लाभार्थियों को 2.32 करोड़ रुपये और एससी-एसटी वर्ग उत्पीड़न के 239 पीड़ितों को 1.20 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। सितंबर के अंत में करीब 77 हजार लाभार्थियों को वृद्धा पेंशन की धनराशि मिली। शेष 11 हजार लाभार्थियों को पैसा ही नहीं जारी किया गया। इससे वृद्धों की दीपावली फीकी रही। पारिवारिक लाभ योजना के 1385 और उत्पीड़न के 266 पीड़ित 4 माह से विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। इन लाभार्थियों का सत्यापन जुलाई माह के बाद कराकर पात्रता सूची में शामिल किया गया था। 

सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित को 8 लाख की सहायता 

सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में एससी-एसटी वर्ग के पीड़ित को 8 लाख रुपये मिलते हैं। इसमें मेडिकल रिपोर्ट के बाद एफआईआर दर्ज होते ही 4 लाख, आरोपपत्र दाखिल होने पर 2 लाख और 2 लाख रुपये कोर्ट का फैसला आने के बाद जारी किया जाता है। दुष्कर्म मामले में 5 लाख रुपये की सहायता मिलती है। 

एससी-एसटी उत्पीड़न के मामले 

हत्या     बलात्कार    हत्या का प्रयास    अन्य मामले 
7          18              4                 337 

सभी योजनाओं में बजट केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से जारी होता है। शासन को पत्र लिखकर बजट की मांग की गई है। केंद्र को भी पत्र लिखा गया है। जल्द ही लाभार्थियों को पैसा मिलेगा। -शिल्पी सिंह, समाजकल्याण अधिकारी

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