पीलीभीत: कोयला डिपो हटाने की मांग पर चेयरमैन संग व्यापारियों ने दिया धरना, डंपरों का प्रवेश रोकने को बांधी रस्सी

पीलीभीत: कोयला डिपो हटाने की मांग पर चेयरमैन संग व्यापारियों ने दिया धरना, डंपरों का प्रवेश रोकने को बांधी रस्सी

बरखेड़ा/पीलीभीत, अमृत विचार। एक बार फिर कस्बा बरखेड़ा में कोयला डिपो को लेकर विरोध सड़क पर दिखा। दौलतपुर रोड के व्यापारी एकजुट हुए और जाम लगाकर सड़क पर ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए। नगर पंचायत चेयरमैन भी व्यापारियों के समर्थन में उतरे और प्रदर्शन में शामिल रहे। आक्रोशित व्यापारियों ने कोयला डिपो से दौलतपुर की तरफ आने वाले मार्ग पर रस्सी लगाकर मार्ग बंद कर दिया। व्यापारियों ने स्पष्ट कहा कि इस समस्या को अब और नजर अंदाज नहीं करेंगे। जिम्मेदार नागरिकों की दिक्कत को समझते हुए समाधान कराएं। हालांकि बाद में पहुंची आरपीएफ ने रस्सी को हटवा दिया। 

बता दें कि बरखेड़ा में भोपतपुर रेलवे स्टेशन के पास कोयला डिपो बनाया गया है।  यहां से बजाज एनर्जी प्लांट बरखेड़ा और मकसूदापुर में कोयला सप्लाई किया जाता है। कोयला डिपो को कस्बे से हटाने की लंबे समय से मांग की जा रही है। गुरुवार सुबह नदीम अंसारी, हरीश भारती, शेर सिंह,  नफीस अंसारी, प्रदीप भोजवाल, उत्तम अग्रवाल, संतोष भारती समेत करीब दर्जनों व्यापारी जमा हो गए। नगर पंचायत चेयरमैन श्याम बिहारी भोजवाल से मिलकर अपनी  समस्या बताई। इसके बाद चेयरमैन भी उनके साथ आ गए। इसके बाद कोयला डिपो कस्बे से हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। चेयरमैन के साथ व्यापारी दौलतपुर रोड पर धरने पर बैठ गए। करीब डेढ़ घंटे तक मार्ग पर आवागमन बंद रहा। सिर्फ दुपहिया वाहन ही निकल सके। मार्ग पर वाहनों की कतार लग गई। व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन और जाम की सूचना मिलने पर इंस्पेक्टर बरखेड़ा मुकेश शुक्ला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों से वार्ता की गई।  जिसके बाद आम जनमानस की दिक्कत को देखते हुए सभी मार्ग से हट गए। फिर पुलिस ने जाम में फंसे वाहनों को निकलवाया। हालांकि विरारेध प्रदर्शन इसके बाद भी जारी रहा।  भोपतपुर स्टेशन के पास जहां पर कोयला डिपो बना है। वहां दौलतपुर मार्ग की तरफ सभी व्यापारी और चेयरमैन पहुंच गए। कोयले के डंपरों का नगर में प्रवेश रोकने के लिए मार्ग पर ही रस्सी बांध दी गई।  स्पष्ट कहा कि अब कोयले को डंपरों को निकलने नहीं दिया जाएगा।  व्यापारी वहां पर एकत्र रहे और विरोध प्रदर्शन किया जाता रहा। ये भी तय किया गया कि रात्रि के समय भी इस पर निगरानी की जाएगी। हालांकि करीब तीन घंटे बाद आरपीएफ जवान मौके पर पहुंचे और व्यापारियों द्वारा बांधी गई रस्सी को खोल दिया गया।  हालांकि देर शाम तक कोई डंपर नहीं निकला।

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