Government Scheme :तड़पता रहा कैंसर का मरीज, नियमों का चक्कर जान पर बनी आफत

Government Scheme :तड़पता रहा कैंसर का मरीज, नियमों का चक्कर जान पर बनी आफत

लखनऊ, अमृत विचार। ढेरों कवायदों के बाद भी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। नियमों की कहानी सुना मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, सबसे बुरी स्थिति गरीब मरीजों की है। ताजा मामला टुड़िया गंज इलाके से जुड़ा हुआ है। जहां कैंसर पीड़ित मरीज को इलाज के लिए कई घंटों तक सड़क पर रहना पड़ा, लेकिन इस दौरान न उस मरीज को एंबुलेंस मिली और न ही समय पर इलाज। स्थानीय लोगों की मदद से मरीज चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान पहुंचा, तब उसे इमरजेंसी में इलाज मिल सका है।

दरअसल,टिकैतगंज निवासी अजय शंकर अवस्थी (42) कैंसर से पीड़ित हैं। उनका इलाज कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में लंबे समय से चल रहा है। शनिवार को अचानक अजय को पेट फूलने और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। हालत बिगड़ती देख परिजनों ने एंबुलेंस के लिए इमरजेंसी नंबर 112 पर फोन किया। बताया जा रहा है कि वहां से 108 एंबुलेंस सेवा से बात कराई गई, लेकिन फोन पर बात करने वाली महिला ने सीधे मरीज को कल्याण सिंह कैंसर संस्थान ले जाने से मना कर दिया, कहा कि नियमों के तहत एंबुलेंस पहले नजदीक अस्पताल लेकर जायेगी, वहां से रेफर करने पर ही बड़े संस्थान लेकर जा सकते हैं।

जिसके बाद परिजन पीड़ित को लेकर घर के पास स्थित टुड़िया गंज सीएचएसी पहुंचे। आरोप है कि वहां पर तैनात डॉक्टर ने भी मरीज को कल्याण सिंह कैंसर संस्थान रेफर करने से सीधे तौर पर मना कर दिया, कहा कि मरीज को बलरामपुर अथवा केजीएमयू रेफर किया जा सकता है, जबकि मरीज के परिजन कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में बने इलाज के कागज दिखाते रहे।  मरीज के परिजनों का कहना था कि उनकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं है, निशुल्क एंबुलेंस और निशुल्क इलाज के लिए कैंसर संस्थान जाना चाहते थे, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली। हालत बिगड़ने पर पास के ही निजी अस्पताल से इलाज लिया और वहीं मिले वाहन से कल्याण सिंह कैंसर संस्थान पहुंचे। तब जाकर उचित प्रथामिक इलाज मिला। इस बीच इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और काफी पैसे भी खर्च हो गये।

यह भी पढ़ें- हे भगवान इन ट्रेनों में कैसे करें सफर..... आपातकालीन खिड़िकियों से फांद कर यात्रा कर रहे यात्री