Unnao News: कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से कटे धान, कैसे हो पराली का निस्तारण
उन्नाव, अमृत विचार। फसल कटाई के बाद उसके अवशेष को निस्तारित करना किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। पराली जलाएं तो जमीन की उर्वरा शक्ति प्रभावित होने के साथ पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और इसके बदले में जुर्माना व कार्रवाई झेलें। वहीं पराली न जलाएं तो सही से खेत की जुताई न होने से अगली फसल की बुआई में दिक्कत होती है।
बता दें कि इस समय धान की फसल पककर तैयार है। इसे काटने के लिए मजदूर नहीं मिलने से किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर का सहारा लेना पड़ रहा है। यह मशीन एक फीट ऊपर से फसलों की कटाई करती है। इससे काफी अवशेष खेतों में छूट जाता है। अगली फसल की बोआई के लिए खेतों की सही से जुताई करने के लिए किसान पहले अवशेष को जला देते थे। लेकिन इससे किसानों के मित्र कहे जाने वाले कीटों के नष्ट होने के साथ पर्यावरण को काफी क्षति पहुंचती थी।
ऐसे में सरकार ने पराली जलाने पर भारी जुर्माने का प्राविधान कर दिया और सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम से लैस कंबाइन मशीनों को ही धान काटने की छूट दी है। ये मशीनें फसलों की कटाई के साथ अवशेष के भी छोटे-छोटे टुकड़े कर देती हैं। वहीं किसानों का कहना है कि फसल पककर तैयार है। उसे काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे। ऊपर से छुट्टा मवेशी तैयार फसल मौका मिलते ही चट किये दे रहे हैं।
जिससे परेशान किसान मजबूर होकर कंबाइन मशीनों से अपनी फसल कटवा रहे हैं। वहीं जिले में संचालित मशीनें सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हैं नहीं। जिससे खेतों में काफी पराली का अवशेष खेतों में छूट जाता है। वह हम लोगों के लिए गले का कंटक बना हुआ है।
अगर पराली जलायें तो कार्रवाई होगी नहीं जला रहे तो सही से खेत की जुताई न होने से अगली फसल की बुआई में दिक्कत होती है। जिसे लेकर किसानों से जिलाधिकारी से जिले में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम से लैस मशीने खेतों में चलाये जाने की मांग की है।
ये भी पढ़ें- Unnao News: बिना फागिंग व चूना डलवाए खाते से निकाले 17 हजार...प्रधान व सचिव ने मिलकर किया खेल