कानपुर में हत्यारोपी विमल सोनी बोला- सिर्फ 45 मिनट में हत्या कर दफना भी दिया था शव...पुलिस के दावों पर उठे सवाल
दफनाने के बाद कई घंटे तक कार से शहर में घूमता रहा हत्यारोपी, पुलिस के हरकत में आते ही कार छोड़कर भागा
कानपुर, अमृत विचार। सिविल लाइंस निवासी एकता गुप्ता (32) की हत्या कर शव दफनाने के मामले में पुलिस के खुलासे पर कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिस के अनुसार जिम ट्रेनर विमल सोनी ने 45 मिनट में ही एकता गुप्ता की हत्या कर शव जिलाधिकारी कंपाउंड के ठीक बगल में ऑफिसर्स क्लब में दफना भी दिया था। इसके बाद कार लेकर कई घंटे तक शहर में इधर-उधर घूमता रहा।
दोपहर बाद दोबारा ऑफिसर्स क्लब भी गया। जब भांजे-भांजी ने बताया कि पुलिस पीछे पड़ी है तो बहन के घर के बाहर कार खड़ी करके भाग निकला। इसका खुलासा रविवार को पुलिस ऑफिस में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हरीश चंदर व डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार ने किया। हालांकि पत्रकारों के सवाल और उनके जवाब मेल नहीं खाए। सवालों के घेरे में आने पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रेसवार्ता बीच में खत्म कर उठकर चले गए।
सिविल लाइंस निवासी एकता गुप्ता ग्रीनपार्क जिम में रोज जिम करने जाती थीं। 24 जून को वह जिम गईं लेकिन उसके बाद से लापता थीं। पति राहुल गुप्ता ने कोतवाली में उनके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने जिम के ट्रेनर विमल सोनी पर अपहरण करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने जिम के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो एकता गुप्ता जिम से बाहर निकलते दिखी थीं। उसके बाद जिम का ट्रेनर विमल सोनी भी कैमरे में कैद हुआ था। तबसे जिम ट्रेनर फरार था।
पुलिस ने बताया कि शक्कर मिल खलवा निवासी जिम ट्रेनर विमल सोनी को मालरोड स्थित झाड़ी बाबा ओवरब्रिज के पास से पकड़ा गया। उसने पूछताछ में बताया कि 24 जून को सुबह ही कार में बहस होने पर एकता की हत्या कर दी थी और शव जिलाधिकारी कंपाउंड के ठीक बगल में ऑफिसर्स क्लब में दफन कर दिया था।
रविवार को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हरीश चंदर ने प्रेस वार्ता में बताया कि घटना के दिन सुबह 7.02 बजे जिम ट्रेनर विमल व एकता गुप्ता जिम से बाहर निकले थे। इसके बाद विमल की कार में 10-15 मिनट बैठकर बातें करते रहे, इसी दौरान विमल ने अपनी शादी तय होने की बात बताई तो उनके बीच बहस हुई। इस पर विमल ने एकता के गले पर मुक्का मारा, जिससे उसकी नाक से खून निकलने लगा।
इसके बाद उसने रस्सी व चुनरी से उसका गला घोंट दिया। इसके बाद कार के पीछे की सीट नीचे कर दी और लाश वहीं रख दी। इसके बाद कार लेकर ऑफिसर्स क्लब पहुंचा और वहां दफनाकर भाग गया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में सुबह करीब आठ बजे विमल की कार सरसैया घाट के पास दिखी, इसके बाद 8.45 बजे मरे कंपनी पुल पर दिखी। इसका मतलब इस 45 मिनट के दौरान ही उसने शव दफनाया है।
उन्होंने बताया कि हत्यारोपी विमल पहले पुलिस को गुमराह करता रहा। जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने शव ऑफिसर्स क्लब में दफनाने की बात कबूली। विमल ने पूछताछ में बताया कि घटना वाले दिन दोपहर दो बजे के बाद वह दोबारा क्लब पहुंचा और जहां एकता का शव दफनाया था, वहां और मिट्टी डाली। इससे पहले कार लेकर कई घंटे शहर में इधर से उधर घूमता रहा।
दोपहर बाद वह फेथफुलगंज निवासी अपनी बहन के घर पहुंचा। वहां भांजे-भांजी ने बताया कि पुलिस तुम्हें तलाशते हुए आई थी। इस पर कार बहन के घर के बाहर छोड़कर वहां से भाग निकला। उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे, इसलिए आगरा पहुंचने पर उसने एटीएम से 2000 रुपये निकाले। एक दूसरा ट्रांजेक्शन 500 रुपये का किया। कई शहरों के चक्कर लगाने के बाद अमृतसर पहुंचा। वहां एक होटल में बर्तन धोए, वेटर का काम किया।