एशियाई सफलता के बाद भारतीय युवा भारोत्तोलकों की नजरें राष्ट्रमंडल खेल 2026 क्वालीफिकेशन पर
नई दिल्ली। दोहा में एशियाई युवा और जूनियर भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन के बाद भारत के पदक विजेता युवाओं की नजरें नए साल में नई ऊंचाइयों को छूने पर लगी है। भारत ने 19 से 25 दिसंबर तक हुए टूर्नामेंट में 33 पदक जीते। अब खिलाड़ियों का लक्ष्य ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2026 के लिये क्वालीफाई करना है।
राष्ट्रीय भारोत्तोलन कोच और ओलंपियन मीराबाई चानू के मेंटोर विजय शर्मा ने कहा कि दोहा के प्रदर्शन से भविष्य उज्जवल रहने के संकेत मिले हैं। दोहा में पदक जीतने वाले भारत के 24 खिलाड़ियों में से 22 खेलो इंडिया से निकले थे। पूरे दल ने भारतीय खेल प्राधिकरण के पटियाला, इम्फाल और औरंगाबाद स्थित राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों में अभ्यास किया। भावी योजना के बारे में महिला जूनियर प्लस 87 वर्ग में रजत पदक जीतने वाली मेइबाम मार्टिना देवी ने कहा, 2025 में राष्ट्रमंडल खेल 2026 के ट्रायल शुरू होंगे। अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैम्पियनशिप क्वालीफायर टूर्नामेंट है। उन्होंने कहा, इसके अलावा मैं उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में भी भाग लूंगी।
पुरुषों में एनआईएस पटियाला में शिविर में भाग लेने वाले साइराज परदेशी ने कहा, मैंने 2018 में 12 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र में ट्रेनिंग शुरू की थी। कोरोना लॉकडाउन तक वहां अभ्यास किया और 2021 में औरंगाबाद आ गया। उन्होंने कहा, इसी साल मैं एनआईएस पटियाला आया। साइ केंद्रों का मेरे कैरियर में बहुत योगदान रहा है। चाहे अनुशासन की बात हो, खुराक, कोचों या कई अन्य पहलुओं में भी।
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