Kannauj: गारंटी समय में स्कूटी खराब, फिर भी लिया मरम्मत का बिल, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने रुपये वापस करने सुनाया फैसला

Kannauj: गारंटी समय में स्कूटी खराब, फिर भी लिया मरम्मत का बिल, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने रुपये वापस करने सुनाया फैसला

कन्नौज, अमृत विचार। गारंटी-वारंटी समय में स्कूटी खराब हो गई। कानपुर में एजेंसी संचालक ने मरम्मत के रुपये वसूले। उसके बाद कन्नौज में भी गाड़ी सही कराने के लिए बिल भुगतान करने को कहा गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने रुपया वापस करने का निर्णय लिया है। 

तहसील सदर में संचालित उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष जगन्नाथ मिश्र, सदस्य वंदना मिश्रा व लोकेश पुंडीर ने कोतवाली सदर क्षेत्र के तिखवा निवासी स्कूटी खरीदार सत्येंद्र सिंह पुत्र बैजनाथ के पक्ष में निर्णय लिया है। आयोग में विपक्षी कानपुर के तुलसीनगर काकादेव स्थित स्कूटी एजेंसी गौरीशंकर मोटर्स के प्रबंधक पर वाद दर्ज था। अधिवक्ता यादवेंद्र किशोर यादव ने बताया कि सत्येंद्र ने गौरीशंकर मोटर्स कानपुर से 75 हजार रुपये नकद देकर 20 जून 2020 को स्कूटी खरीदी थी। 

उसे गाड़ी की एक साल की गारंटी व वारंटी, पंजीकरण व बीमा होने का भरोसा दिया गया। वादी का कहना है कि उसने समय से स्कूटी की सर्विस कराई। उसके बाद तीन माह में खराबी आ गई। जब डीलर को दिखाया तो दो हजार रुपये खर्च बताया जो चेक से अदा किया। आठ दिन बाद स्कूटी फिर खराब हो गई। तो बताया गया कि बीएन इलेक्ट्रिक स्कूटर्स तिर्वा रोड सपा कार्यालय के निकट कन्नौज पर सही करा लो। आरोप है कि उसे धमकाया गया कि सही कराओ या घर बैठो। 

सतेंद्र का कहना है कि परेशान होकर वह कन्नौज पहुंचा। स्कूटी सही करने के एवज में 4100 रुपये का बिल बना और नकद भुगतान किया। वादी का तर्क है कि रुपया बाद में वापस होने की बात कही गई। उसके दो दिन में स्कूटी फिर खराब हो गई जो तिर्वा रोड स्थित बीएन इलेक्ट्रानिक स्कूटर्स पर खड़ी है। वादी का कहना है कि 17 दिसंबर 2020 को उसे धमकी व गाली देकर भगा दिया। अधिवक्ता के जरिए 29 अक्टूबर 2021 को नोटिस भेजा तो उत्तर नहीं दिया। अब तक वाद में भी उत्तर नहीं दिया। 

निर्णय में कहा गया है कि 75 हजार रुपये खर्च करने के बाद छह महीने में  खराब हो जाए तो स्कूटी में कमी है। फ्री सर्विस न देना व रुपये वसूलना सेवा में कमी है। इसलिए वादी को 6100 रुपये एक महीने के अंदर सात फीसदी वार्षिक ब्याज दर से भुगतान करे। परिवाद व्यय के लिए दो हजार रुपये, शारीनिक व मानसिक कष्ट के लिए 2500 रुपये का भी भुगतान किया जाए।

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