Unnao News: फूटेंगे पटाखे तो धुएं से जहरीली होगी जिले की आबोहवा...खतरा भांपते हुए प्रदूषण बोर्ड ने माॅनीटरिंग शुरू की
मानक से अधिक वायु प्रदूषण से घुली हवा को और जहरीली बनाएगी आतिशबाजी
उन्नाव, अमृत विचार। शहर की आबोहवा में अभी से प्रदूषण मानकों से अधिक है जो आमजन के लिए खतरा बना हुआ है। दीपावली पर पटाखों के धुआं से यह और बढ़ेगा जो लोगों का दम घोटेगा। इससे सांस लेना दूभर होगा। वहीं, पटाखों के धुएं से हवा और जहरीली होगी। हालांकि, हवा में प्रदूषण मानक से अधिक होने से सर्तक हुए प्रदूषण विभाग ने इसकी मानीटरिंग शुरू की है। विभागीय अफसरों ने पटाखों के शोर से बढ़ने वाले ध्वनित प्रदूषण को भी मापने की तैयारी की है।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में हवा प्रदूषित करने वाले पीएम-10 (पर्टिकुलर मैटर) की मात्रा अधिक है। जो सांस से फेफड़ों में जाकर सीधे स्वास्थ्य पर अटैक करता है। यह श्वांस रोग व कई अन्य बीमारियों को दावत देता है। जिले में पीएम-10 का मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है।
लेकिन मौजूदा समय में जब पटाखों का उपयोग नहीं हुआ है तो यह आवासीय व कामर्शियल क्षेत्र में मानकों से दो गुना तक अधिक है। वहीं वायु प्रदूषण का पैरामीटर सल्फर डाई आक्साइड (एसओ-टू) अभी मानक 50 व नाइट्रोजन डाई आक्साइड (एनओ-टू) 40 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के सापेक्ष खरे हैं। पटाखे फूटने के बाद यह और बढ़ेंगे। जो जिले की आबोहवा को और जहरीली करेंगे।
बारूद का धुआं बढ़ाता हार्टअटैक, सावधानी बरतें हृदय रोगी
फिजीशियन डा. मुशीर अहमद बताते हैं कि बारूद का धुआं ब्रोंकाइटिस एंजाइन बढ़ाता है। जो सांस लेने में दिक्कत के साथ हार्टअटैक का खतरा बढ़ाता है। बताया कि पटाखा जलाते समय बच्चों को दूर रखें और मास्क पहने रहें। ताकि धुआं फेफड़ों में न जाए।
हृदय रोगियों के लिए यह अधिक घातक है। इससे हार्टरेट तेजी से बढ़ता है। तेज आवाज वाले पटाखों से भी हृदयगति अनियंत्रित होने का खतरा रहता है। वहीं, धुएं में सल्फर, नाइट्रोजन, मरकरी, कैडमियम होते हैं। जिससे आखों में जलन, एलर्जी, आंख लाल पड़ने के साथ पानी आने लगता है। इससे रोशनी भी जा सकती है।
बोले जिम्मेदार…
उप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने बताया कि वायु व ध्वनि प्रदूषण को दीपावली त्योहार से पहले व बाद में मापने की तैयारी है। शहर के आवासीय क्षेत्र में कृष्णानगर, आईबीपी चौराहा और औद्योगिक क्षेत्र में आईआईए परिसर में प्रदूषण मापक यंत्र लगाकर इसकी माप की जाएगी। साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।
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