KGMU: शर्म झिझक छोड़ें, गांठ होने पर कराएं जां... जानिए किन महिलाओं को होता है स्तन कैंसर का ज्यादा खतरा

KGMU: शर्म झिझक छोड़ें, गांठ होने पर कराएं जां... जानिए किन महिलाओं को होता है स्तन कैंसर का ज्यादा खतरा

लखनऊ, अमृत विचार। मेरे स्तन में गांठ जैसा महसूस हुआ। लेकिन शर्म के कारण मैंने उसे किसी से साझा नहीं किया। करीब दो माह बाद दिक्कत बढ़ी तो हिम्मत जुटा कर परिवारीजनों को जानकारी दी। डॉक्टर की सलाह पर मैमोग्राफी समेत दूसरी जांच कराई। जिसमें कैंसर की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने इलाज को लेकर जानकारी देने के साथ हौसला बढ़ाया। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी कराई। दो साल से मैं स्वस्थ्य हूं। 

यह अनुभव स्तन कैंसर विजेता ने अन्य महिलाओं से साझा करते हुए गांठ होने पर शर्म झिझक छोड़ जांच कराने की बात कही। यह कैंसर विजेता केजीएमयू शताब्दी भवन फेज-दो के तीसरे तल पर शनिवार को स्तन कैंसर पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा कर रही थी।

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शिशु को स्तनपान कम कराने वाली महिलाओं को अधिक खतरा

केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा कि स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। शिशु को स्तनपान कम कराने वाली महिलाओं में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। अधिक उम्र में शादी भी स्तन कैंसर का एक कारण हो सकता है। राहत की बात यह है कि पिछले वर्षों में स्तन कैंसर से मौतों में कमी देखने को मिली है। बेहतर इलाज से यह मुमकिन हुआ है। 

डॉ. विजय कुमार ने कहा कि स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं में जागरुकता बढ़ी है। पहले ज्यादातर महिलाएं स्तन कैंसर की तीसरी व चौथे अवस्था में अस्पताल आ रही थीं। अब कैंसर की शुरुआती अवस्था में अस्पताल आ रही हैं। समय पर सटीक जांच व बेहतर इलाज से महिलाएं कैंसर के खिलाफ अपनी जंग जीत पा रही हैं।

स्तन व बगल में गांठ हो तो डॉक्टर की सलाह लें...

डॉ. नसीम अख्तर ने बताया कि 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में जीवन में किसी न किसी समय स्तन कैंसर होने की आशंका होती है। सतर्कता से स्तन कैंसर के खतरों से काफी हद तक बच सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्तन में या उसके बगल में गांठ या सूजन नजर आए तो संजीदा हो जाना चाहिए। त्वचा में परिवर्तन, सिकुड़न या गड्ढे पड़ने पर भी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 

डॉ. नसीम ने बताया कि प्रत्येक महिला को 40 साल के बाद हर एक साल में मैमोग्राफी जांच करानी चाहिए। इसके अलावा सेल्फ एग्जामिनेशन करना चाहिए। अपने हाथ से स्तन में पड़ने वाली गांठ या बदलाव की पहचान कर सकती हैं। डॉ. समीर गुप्ता ने बताया कि स्तन कैंसर का पता शुरुआती अवस्था में लग जाए तो इलाज आसान हो जाता है। डॉ. सुधीर सिंह ने कैंसर के मुफ्त इलाज को लेकर सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

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