Kanpur Dehat: बिकरू कांड: अभियोजन गवाह ने घटना के दिन अस्पताल में भर्ती होने की कही बात, बोला- सीओ को घसीटकर ले जाते देखा, मारते नहीं

Kanpur Dehat: बिकरू कांड: अभियोजन गवाह ने घटना के दिन अस्पताल में भर्ती होने की कही बात, बोला- सीओ को घसीटकर ले जाते देखा, मारते नहीं

कानपुर देहात, अमृत विचार। बिकरू कांड के मुख्य मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही है। शुक्रवार को मामले में अभियोजन गवाह सिपाही शिवमूरत निषाद ने बचाव पक्ष की जिरह में बताया कि वह दो जुलाई 2020 को रीजेंसी अस्पताल में भर्ती था। वहीं गवाह ने कहा कि पुलिस को इंसास रायफल निर्गत होती है। इंसास रायफल कितने बोर की होती है, उसे याद नहीं है। अब अदालत ने बचाव पक्ष की शेष जिरह के लिए 30 अक्टूबर की तिथि नियत की है।

कानपुर नगर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गैंग ने फायरिंग कर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। मामले में पुलिस ने 45-50 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसकी सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही है। मामले में घटना में घायल हुए अभियोजन गवाह कांस्टेबल शिवमूरत निषाद के अदालत में बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष की जिरह चल रही है। 

शुक्रवार को मामले में आरोपियों श्यामू बाजपेई, रामू बाजपेई व छोटू उर्फ अखिलेश शुक्ला की ओर से बचाव पक्ष के अधिवक्ता सीपी शुक्ला ने अभियोजन गवाह से जिरह करते हुए पुलिस ट्रेनिंग में फायरिंग का अभ्यास करने व पुलिस को निर्गत किए जाने असलहा से संबंधित सवाल किए। इसके जवाब में गवाह ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान अभ्यास फायरिंग की है। यह भी बताया कि पुलिस को इंसास रायफल निर्गत होती, लेकिन बचाव पक्ष के इंसास रायफल कितने बोर की होती है? पूछने पर उसने कहा कि यह मुझे याद नहीं है। 

दो जुलाई को उसकी उपस्थिति से संबंधित सवाल के जवाब में गवाह ने कहा कि दो जुलाई को वह रीजेंसी अस्पताल में भर्ती था। गवाह ने बताया कि घटना के दौरान बदमाशों से सौ मीटर की दूरी पर था। बदमाश जब सीओ को घसीटकर ले जा रहे थे, तब मैंने देखा था, लेकिन मारते हुए नहीं देखा था। सहायक शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि अब अदालत ने बचाव पक्ष की शेष जिरह के लिए सुनवाई को 30 अक्टूबर की तिथि नियत की है। इस दौरान सभी आरोपी उपस्थित रहे।

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