पीलीभीत: मछली खाने को नहीं दी तो चला दी थी गोली, अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा 

पीलीभीत: मछली खाने को नहीं दी तो चला दी थी गोली, अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा 

पीलीभीत, अमृत विचार: घर के बाहर खाने के लिए मछली बना रहे युवक पर जानलेवा हमला करने के मामले में अदालत ने छह साल बाद फैसला सुनाया। आरोपी ने खाने के लिए मछली देने से इनकार करने पर तमंचे से युवक पर गोली चला दी थी। अपर सत्र न्यायाधीश (बलात्कार एवं पॉक्सो अधिनियम) छांगुर राम ने सुनवाई के बाद आरोपी थाना बिलसंडा क्षेत्र के गांव पिस्तौर कुइयां निवासी रामआसरे उर्फ झंडू पुत्र इन्स्पेक्टर सिंह को 10 वर्ष कैद और 12 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। आयुध अधिनियम में भी रामआसरे को न्यायालय ने दोषी पाते हुए तीन वर्ष कैद और तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

अभियोजन कथानक के अनुसार ग्राम पस्तौर कुईयां के बाबूराम यादव ने बिलसंडा थाने में तहरीर दी थी। जिसमें बताया था कि 19 अप्रैल 2018 को शाम करीब सात बजे उसका पुत्र रविंद्र सिंह अपने घर के सामने खाने के लिए मछली बना रहा था। इस दौरान गांव का ही रामआसरे उर्फ झंडू आया और अपने लिए भी मछली मांगने लगा। जब रविंद्र सिंह ने विरोध किया तो आरोपी ने गाली गलौज शुरू कर दी। जान से मारने की नीयत से आरोपी रामआसरे ने रविंद्र सिंह पर तमंचे से फायर कर दिया। 

घटना को गांव के कई लोगों ने देखा। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की। विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। न्यायालय ने चार सितम्बर 2018 को अभियुक्त के विरुद्ध आरोप विरचित किए। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश (बलात्कार एवं पॉक्सो अधिनियम) छांगुर राम की अदालत में हुई।  

न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली का परिशीलन करने के बाद आरोपी रामआसरे उर्फ झंडू को जानलेवा हमला करने एवं आयुध अधिनियम में दोषी पाते हुए सजा सुनाई। बता दें कि  आरोपी वर्तमान में जनपद शाहजहांपुर के थाना खुदागंज क्षेत्र के मझला गांव में रह रहा है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता विमल कुमार वर्मा ने की।

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