पीलीभीत: एक्सपायर सीमेंट के खेल में कई सवाल, कितने थे सप्लायर थे और किसने बनाए नकली बैग?
नकली सीमेंट मामले में अब तक फर्म मालिक की भी नहीं कोई जानकारी
पीलीभीत, अमृत विचार। ब्रांडेड के नाम पर नकली सीमेंट की बिक्री करने के मामले में गोदाम सील और एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। लंबे समय से चले आ रहे इस खेल के उजागर होने के बाद भी इस संगीन मामले में कार्रवाई की सुस्त चाल बनी हुई है। धंधेबाज का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद से उठे तमाम सवालों के आठ दिन बाद भी जवाब जिम्मेदार अधिकारी नहीं तलाश सके हैं। वहीं, आरोपी की धरपकड़ को लेकर भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिसे लेकर तमाम तरह की चर्चाएं तेज हो रही है। सवाल ये है कि आखिर नकली सीमेंट के धंधेबाज के तार कहां तक जुड़े थे? इसमें ये अकेला ही शामिल रहा या फिर कोई और भी पीछे हैं। इन तमाम सवालों के जवाब नहीं मिल सके हैं।
मामला15 अक्टूबर का है, एसडीएम सदर महिपाल सिंह ने बिलगवां रोड पर स्थित मैसर्स श्रीगिरिराज इंडस्ट्रीज में छापा मारा था। जिसमें एक्सपायर सीमेंट ब्रांडेड कंपनी के कट्टों में भरकर बेचने का भंडाफोड़ हुआ था। पुलिस और बाट माप विभाग की टीम भी साथ थी। अफसरों के अनुसार ब्रांडेड कंपनी के पैकेट में भरकर रखे गए 1200 कट्टे सीमेंट गोदाम में रखे हुए मिले थे। ब्रांडेड कंपनी के नये खाली बोरे भी बरामद हुए थे। यहां से एक्सपायर सीमेंट को लेबर से पिसवाकर ठीक कराकर नए बोरे रखकर बिक्री किया जाता था। उसी दिन गोदाम को सील कर दिया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में ही चार दिन बाद लग गए थे। अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के गुड़गांव (हरियाणा) के सेक्टर 39 के रहने वाले कर्मचारी कमल सिंह की ओर से कॉपीराइट एक्ट के तहत मैसर्स श्रीगिरिराजजी इंडस्ट्रीज के मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसमें संबंधित कंपनी के महज 96 खाली अल्ट्राटेक सीमेंट के नकली बैग और 50 बोरियां अल्ट्राटेक सीमेंट के नकली भरे बैग व डालमियां सीमेंट के खराब व जमे हुए सीमेंट के काफी मात्रा में मिलने की बात कही गई। गंभीर प्रकरण होने के बाद भी कार्रवाई की गति सुस्त है। छापामारी के आठ दिन बाद भी ये पता नहीं लगाया जा सका है कि आखिर एक्सपायर सीमेंट की बिक्री संबंधित फर्म को कौन-कौन कर रहे थे।
किससे खरीदा एक्सपायर सीमेंट इस पर अधिकारी भी खामोश
चूंकि छापामारी से लेकर एफआईआर तक यही बात कही जा रही थी कि आरोपी एक्सपायर सीमेंट की खरीदारी करता था। ऐसे में कौन एक्सपायर सीमेंट के सप्लायर थे। इसके अलावा ये सीमेंट किन-किन स्थानों पर बिक्री किया गया। इस फर्म का मालिक कौन है? इसका भी अभी तक कोई जिक्र नहीं किया गया है। चर्चा ये भी है कि फर्म का किसी और के नाम पर है। हालांकि इसकी पुष्टि भी अभी जिम्मेदार नहीं कर सके हैं। एसडीएम सदर महिपाल सिंह ने बताया कि ब्रांडेड के नाम पर एक्सपायर सीमेंट की बिक्री के मामले में पूर्व में ही गोदाम सील किया जा चुका है। प्रकरण में फर्म मालिक पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। फिलहाल अभी फर्म मालिक के संबंध में जानकारी नहीं हो सकी है।
बड़ी तादाद में मिली बोरियां, दिखाईं चंद
अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के कर्मचारी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में सिर्फ उनकी कंपनी के ही चंद बोरी नकली सीमेंट का जिक्र किया गया है। जबकि सील किए गए गोदाम में अन्य कंपनियों का सीमेंट बड़ी मात्रा में रखा हुआ था। इसे भी एक्सपायर या फिर नकली ही माना जा रहा है। मगर इसकी पुष्टि भी अभी तक नहीं कराई जा सकी है। अल्ट्राटेक कंपनी के नकली खाली बोरे मिलने की भी बात एफआईआर में साफ तौर पर कही गई है। अब इन्हें आरोपी खुद तैयार करता था या फिर इसे बनाने में कोई और भी है। फिलहाल सवाल तो कई हैं, लेकिन जवाब जिम्मेदारों के पास भी नहीं है।
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