लखनऊ: रेरा में परियोजनाओं के पंजीयन का बढ़ा ग्राफ, जनवरी से अक्टूबर तक लगभग 220 नवीन परियोजनाएं हुईं पंजीकृत

नॉन-एनसीआर जिलों में नवीन परियोजनाओं के पंजीयन में हुई वृद्धि

लखनऊ: रेरा में परियोजनाओं के पंजीयन का बढ़ा ग्राफ, जनवरी से अक्टूबर तक लगभग 220 नवीन परियोजनाएं हुईं पंजीकृत

लखनऊ, अमृत विचार। उप्र भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) में परियोजनाओं का पंजीयन तेजी से बढ़ा है। एनसीआर की तुलना में नॉन-एनसीआर जिलों में नवीन परियोजनाओं के पंजीयन में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है। जो रेरा, बिल्डर और खरीदारों के मध्य परस्पर विश्वास को दर्शाता है। रेरा को प्रदेश में नवीन परियोजनाओं के पंजीयन में नये रुझान मिले हैं। 

इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक लगभग 220 नवीन परियोजनाओं का पंजीकरण कराया गया है। इस प्रगति से रेरा पंजीयन का नया रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ा है। इसके अतिरिक्त इस संकेत के अनुसार नॉन एनसीआर के जनपदों में नई परियोजनाओं के पंजीयन में वृद्धि आयी है और यह एनसीआर के जनपदों में आई नई परियोजना के पंजीयन से अधिक है। 

नॉन-एनसीआर के जनपदों से लगभग 144 (65 फीसद) और एनसीआर के जनपदों लगभग 76 (35 फीसद) परियोजनाओं का पंजीकरण प्राप्त हुआ है। इन आंकड़ों से यह भी प्रतीत होता है कि रियल एस्टेट सेक्टर का विकास अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों के साथ अन्य जनपद, नॉन-एनसीआर में भी तेजी से हो रहा है। इसमें ग्रुप हाउसिंग का चलन बढ़ा है। जबकि वर्ष 2023 में कुल 190 एवं वर्ष 2022 में 215 परियोजनाओं का पंजीयन कराया गया था।

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