Barabanki : रबी फसल की बोवाई सर पर, किसान खाद को तरसे
सहकारी समितियों पर सन्नाटे से लौट रहे किसान, कृषि विभाग का दावा नही होगी कमी
बाराबंकी, अमृत विचार : रबी फसल का समय करीब आते ही किसान खाद के लिए टूट पड़ा है। खासकर आलू का क्षेत्रफल ज्यादा होने से भी खाद के लिए मारामारी मची हुई है। आलम यह है कि एक ओर कृषि विभाग खाद की पर्याप्त उपलब्धता की बात कर रहा तो दूसरी ओर समितियों पर खाद मौजूद न होने की वजह से सन्नाटा पसरा हुआ है। विभाग का दावा है कि खाद की कमी होने नहीं दी जाएगी।
करीब हर साल खाद की किल्लत से किसान जूझता है। ऐसा तब है जब किसान भी उतना ही है और खेती योग्य भूमि भी कहीं से बढ़ी नही है। इसके बावजूद कृषि विभाग खाद की उपलब्धता के दावे ठोंकता है और किसान मायूस होकर समितियों से वापस लौटता आया है। उदाहरण के तौर पर नवीन मंडी से सटे इफको सेंटर पर 18 अक्टूबर को खाद उपलब्ध कराई गई, जहां किसान धूप धूल की परवाह किए बिना लाइन में लगकर खाद पाता रहा, अचानक 20 अक्टूबर को खाद नहीं है का बोर्ड लटका दिया गया। अब चौंकने की बारी किसानों की थी, पूछने पर यही जवाब मिला कि खाद का स्टाक खत्म हो गया है। आने पर ही मिलेगा।
यह जवाब सुनकर लाइन में लगे किसान बुरा भला कहते हुए लौट गए। इनमें किसान ने अपना नाम न बताते हुए कहा कि आम किसान के हाथ खाद कम ही लगती है। सेटिंग का खेल चल रहा है। बड़े किसानों के लिए खाद की कोई दिक्कत नहीं है। उनके नसीब में लाइन लगना ही है। जबकि बड़े किसान समितियों से पहले ही संपर्क कर लेते हैं। बहरहाल रबी फसल की बोवाई का समय सिर पर है और किसान खाद के लिए तरस रहा है। जिला कृषि अधिकारी राजितराम का कहना है कि समितियों पर खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। और डिमांड की गई है। आलू का क्षेत्रफल अधिक होने से खाद की मांग ज्यादा है।
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