Kanpur: वायरल बुखार के साथ दस्त से किडनी को खतरा, हैलट में इतने मरीजों की किडनी में मिला संक्रमण...ऐसे करें बचाव

जीएसवीएसएस पीजीआई में 6 को किया भर्ती

Kanpur: वायरल बुखार के साथ दस्त से किडनी को खतरा, हैलट में इतने मरीजों की किडनी में मिला संक्रमण...ऐसे करें बचाव

कानपुर, अमृत विचार। मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। वायरल बुखार लोगों के नाक, गला व पेट पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। ऐसे में बुखार के साथ अधिक दस्त होने पर पीड़ितों की किडनी तक प्रभावित हो रही है और भर्ती करने की नौबत आ रही है। 
 
हैलट अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में सोमवार को वायरल बुखार से पीड़ित 90 मरीज पहुंचे।  इनको गले में खराश, सिर व आंखों के पास दर्द, आवाज में भारीपन, खांसी, जुकाम व पेट दर्द की शिकायत थी। वायरल बुखार के साथ ही दस्त के मरीज गंभीर स्थिति में इलाज कराने पहुंचे। ओपीडी में डॉक्टरों ने गंभीर मरीजों की ब्लड, किडनी व लिवर की जांच कराई। 6 मरीजों की किडनी में संक्रमण पाया गया। 
 
जीएसवीएसएस पीजीआई के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में 5 मरीज ऐसे पहुंचे, जिनको अधिक दस्त की वजह से पेट में तेज दर्द होने के साथ शरीर में कमजोरी की समस्या थी। नेफ्रोलॉजिस्ट चिकित्सक ने उन्हें तत्काल भर्ती किया। 
 
नेफ्रोलॉजिस्ट चिकित्सक ने बताया कि डायरिया की वजह से शरीर का पानी बाहर निकल जाता है, जिससे किडनी काम करना बंद कर देती है। इसके अलावा दस्त को रोकने के लिए कई बार लोग बिना डॉक्टर की सलाह पर पेन किलर या एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कर लेते हैं, जिससे समस्या और बढ़ जाती है। ऐसी अवस्था में एक्यूट किडनी फेलियर भी हो सकता है। 
 
क्रानिक किडनी फेलियर के कारण
 
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.स्रबाभौम त्रिपाठी ने बताया कि क्रानिक किडनी फेलियर में किडनी धीरे-धीरे खराब होती है। यह समस्या अब आम होती जा रही है। इसकी वजह खराब खानपान, खराब जीवनशैली, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी स्टोन डिजीज, क्रोनिक लेमिनोअफ्राइटिस, क्रोनिक इंटेस्टिनल अफ्राइटिस आदि हो सकता है।  
 
इस तरह हो सकता बचाव 
 
- हर साल यूरीन और ब्लड टेस्ट जरूर कराएं।
- बिना डॉक्टर की सलाह दवाओं का सेवन न करें।
- डायरिया होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- स्मोकिंग और शराब का सेवन बंद कर दें।
- स्वास्थ्य व पोषणयुक्त भोजन का सेवन करें।
- गर्मी हो या सर्दी पानी अधिक मात्रा में पियें। 
- नमक का सेवन कम मात्रा में करें।