कासगंज: अमृत सरोवर का निर्माण कार्य रुकने से कूड़े से पटा संरक्षित तालाब
कूड़े से उठ रही दुर्गंध से महामारी फैलने का खतरा, मच्छरों का बढा प्रकोप
गंजडुंडवारा, अमृत विचार। कादरगंज रोड स्थित संरक्षित तालाब पर स्वामित्व विवाद के चलते न्यायालय द्वारा संरक्षित तालाब पर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। रोक लगने से अमृत योजना से संरक्षित तालाब पर 1.98 करोड़ रुपये से अमृत सरोवर निर्माण योजना पर ग्रहण भी लग गया है। कूड़े के ढेर से दुर्गंध आ रही है। पालिका प्रशासन और चेयरमैन की उदासीनता के चलते संरक्षित तालाब को फिर से अस्थायी डंपिंग यार्ड में बदल दिया गया है। संरक्षित तालाब में गंदगी का अंबार लग गया है। इससे दुर्गंध के कारण महामारी फैलने का खतरा और बढ़ गया है। गंदगी के चलते मच्छरों का प्रकोप भी चरम पर है, और आसपास के लोगों का जनजीवन नरकीय हो गया है। लोगों का कहना है कि गंदगी से निजात पाने के लिए कई बार पालिका प्रशासन और उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन स्थिति में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है।
सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग
कस्बे से रोजाना एकत्रित कूड़े को पहले तालाब में इकट्ठा किया जाता है और इसे जेसीबी मशीन के जरिए उठवा कर सरकारी धन का अतिरिक्त व्यय कर ट्रैक्टरों से उठवा कर चार किलोमीटर दूर स्थित डंपिंग यार्ड में फेंका जाता है। इस कार्य में पालिका की ओर से डीजल और पेट्रोल में अपव्यय कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
डीएम ने निरीक्षण कर दिए थे निर्देश
कावड़ यात्रा के दौरान डीएम मेधा रुपम ने कूड़े से उठने वाली दुर्गंध से कांवड़ियों को होने वाली दिक्कतों से छुटकारा के लिए पालिका को कूड़े से पटे तालाब को साफ कराने के निर्देश दिए थे। पालिका प्रशासन ने तालाब पर लाखों खर्च कर कूड़े के ढेर को समतल कर पीली मिट्टी से ढक दिया था और पूरे तालाब को टीनशेड से बैरिकेड कर दिया था। लेकिन पर्व समाप्त होते ही पालिका प्रशासन फिर से मनमानी कर रहा था।
कूड़ा फेंकने पर लगेगी रोक
एसडीएम पटियाली प्रदीप विमल ने बताया कि स्थल का निरीक्षण किया जाएगा। ऐसा है तो कूड़े को तालाब से हटवाया जाएगा। कूड़ा तालाब में नहीं फेंकने दिया जाएगा, इस पर रोक लगाई जाएगी। सीएचसी अधीक्षक डॉ. आकाश ने बताया कि कूड़ा अगर गीला है, तो इससे मच्छर और मक्खी पनपेगी। इस कारण हैजा, मलेरिया और डायरिया फैलने की संभावना है। यह लोगों के लिए घातक हो सकता है।
शिकायत के बाद भी नहीं हो सका समाधान
भाजपा जिलाध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी ने बताया कि पालिका चेयरमैन स्वार्थी हैं। विरोधी पार्टी के चेयरमैन होने के चलते महत्वाकांक्षी योजनाओं को विफल कर सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ है। जबकि पालिका में भ्रष्टाचार की कई शिकायतें प्रशासन के संज्ञान में हैं। मामला उच्च स्तर तक पहुंचाया जाएगा। सभासद मनोज कुमार का कहना है कि कई बार तालाब से उठने वाली दुर्गंध से फैलने वाली बीमारियों, मच्छरों के प्रकोप और पास में स्थित मंदिर के कारण धार्मिक भावना आहत होने के संबंध में पालिका को लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया गया, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हो सका।
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