CM Yogi: यूपीनेडा के 736 करोड़ रुपए के 21 निवेश प्रस्तावों को योगी सरकार ने दी स्वीकृति

जैव ऊर्जा से जुड़ी 2525 करोड़ रुपए की कुल 53 परियोजनाओं को अब तक दी जा चुकी है स्वीकृति

CM Yogi: यूपीनेडा के 736 करोड़ रुपए के 21 निवेश प्रस्तावों को योगी सरकार ने दी स्वीकृति

लखनऊ। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में जैविक ऊर्जा को प्रोत्साहित कर रही है। इससे संबंधित निवेश प्रस्तावों को लगातार स्वीकृति प्रदान की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को नवीन एवं नवीकरणीय विभाग की 21 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समिति का अनुमोदन मिल गया। इस प्रकार कुल 53 जैव ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिसकी कुल निवेश लागत 2525 करोड़ रुपए है।

उल्लेखनीय है कि यूपीनेडा को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग सात लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसमें से लगभग 57 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के तहत बायो ऊर्जा क्षेत्र के हैं। इस क्रम में कंप्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल तथा बायोकोल के प्लांट्स की स्थापना के लिए 198 प्रस्तावों को यूपीनेडा द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। 

सीबीजी में देश में नंबर वन है यूपी  

प्रमुख सचिव अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति ने मंगलवार को 21 प्रस्तावों को स्वीकृत किया। बैठक में परियोजनाओं के लिए भूमि, बैंक लोन, फीड स्टॉक की उपलब्धता तथा ऑफटेक आदि से संबंधित समस्त कार्यवाहियां पूर्ण होने पर स्वीकृति दी गई। 736.80 करोड़ रुपए की इन 21 परियोजनाओं में कंप्रेस्ड बायोगैस, बायो पैलेट तथा बायो डीजल के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना सुनिश्चित की जाएगी। इनमें सर्वाधिक 722.68 करोड़ रुपए की 16 परियोजनाएं सीबीजी से जुड़ी हैं। इसी तरह 9.22 करोड़ की 2 परियोजनाएं बायोडीजल और 4.90 करोड़ की 3 परियोजनाएं बायोकोल से संबंधित हैं। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश 210 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के साथ सीबीजी के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। 

जमीन और बायोमास की उपलब्धता की गई सुनिश्चित 

इन 21 परियोजनाओं से प्रतिदिन 110 टन सीबीजी, 92 टन बायो पैलेट तथा 100 किलो लीटर बायोडीजल के उत्पादन का सृजन होगा। बैठक में बताया गया कि निवेशकर्ताओं द्वारा प्लांट के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए मौके पर आवश्यक जमीन तथा पर्याप्त बायोमास की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। वित्त पोषण के लिए भी विभिन्न बैंकों से स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। इन संयंत्रों से उत्पादित होने वाले उत्पादों के आगामी विक्रय के लिए विभिन्न संस्थाओं से भी अनुबंध कर लिया गया है।

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