Kanpur: अधूरा भवन खंडहर पर नहीं बनने दिया मॉडल हॉस्पिटल, सीएम के कार्यालय तक पहुंचा प्रस्ताव, फिर भी जिम्मेदारों ने नहीं दिखाई रूचि

Kanpur: अधूरा भवन खंडहर पर नहीं बनने दिया मॉडल हॉस्पिटल, सीएम के कार्यालय तक पहुंचा प्रस्ताव, फिर भी जिम्मेदारों ने नहीं दिखाई रूचि

कानपुर, अमृत विचार। पांडु नगर बीमा अस्पताल परिसर में आधे-अधूरे खड़े 300 बेड के अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी मॉडल हॉस्पिटल बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2017 में पहल की गई थी। प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय तक पहुंचा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई।  निर्माणाधीन अस्पताल केंद्र सरकार को सौंपने का बीमा अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ ने विरोध किया था। 

वर्ष 2009 से पांडु नगर स्थित बीमा अस्पताल परिसर में 367 करोड़ से बन रही 6 मंजिला इमारत का निर्माण कार्य पिछले 4 वर्षों से अटका पड़ा है। तत्कालीन केंद्रीय श्रम मंत्री दत्तात्रेय ने वर्ष 2016 में पांडु नगर बीमा अस्पताल परिसर में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की आधारशिला रखी थी। लेकिन कुछ समय बाद निर्माण एजेंसी ने काम बंद कर दिया। इसके बाद ईएसआईसी के मेडिकल उपायुक्त निरीक्षण करने आए।  

केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय को उन्होंने रिपोर्ट दी। मंत्री ने रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2017 में यहां सुपर स्पेशलिटी मॉडल हॉस्पिटल बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और प्रस्ताव दिया कि निर्माणाधीन अस्पताल को केंद्र सरकार को सौंप दिया जाए। बदले में राज्य सरकार चाहे तो जाजमऊ बीमा अस्पताल ले सकती है। लेकिन यह मामला आज तक लटका है। आज भी यह बिल्डिंग अधूरी खड़ी है।

बीमा अस्पतालों में नहीं हैं विशेषज्ञ 

शहर में पांडु नगर, किदवई नगर, आजाद नगर, सर्वोदय नगर और जाजमऊ में बीमा अस्पताल हैं। यहां सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर हैं। सर्जरी या गंभीर स्थिति में आने वाले बीमित मरीजों के लिए पांचों अस्पतालों में जांच के साथ विशेषज्ञ उपचार की सुविधा नहीं है।  

बिल्डिंग बनाने के लिए खोदी नींव बनी तालाब

सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का स्ट्रक्चर बनने के साथ ही उसके बगल में दूसरी बिल्डिंग बनाने के लिए यहां नींव खोदी गई। काम अधूरा होने की वजह से नींव के लिए खोदे गए बड़े से गड्ढे में पानी भरा रहता है, जिसे तालाब कहा जाने लगा है। काम बंद होने से निर्माणाधीन बिल्डिंग भी खंडहर में तब्दील हो रही है।

इस तरह हुई धन की बर्बादी 

367 - करोड़ खर्च पर अस्पताल का निर्माण अधूरा। 
5.5 - करोड़ से विद्युत उपकरण, पैनल व ट्रांसफार्मर खरीदे।
18 - टन सरिया खुले में पड़ी होने से हुई कमजोर
 09 - बड़े जनरेटर खुले में रखे जाने से जंग खा रहे। 
4.5 - करोड़ रुपये लांड्री सेटअप पर कर दिए खर्च।
- 40 फिट खोदाई कर तैयार किए बेस में भरा पानी। 

300 बेड के निर्माणाधीन अस्पताल का काम पूरा कराने के संबंध में कई बार मंत्रियों को पत्र लिखा, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला। अफसोस है कि करोड़ों रुपया श्रमिकों व सरकार का बर्बाद हो रहा है। - पीएस बाजपेई, राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस  

शहर के सभी बीमा अस्पताल कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत हैं।  निर्माणाधीन अस्पताल जब केंद्र सरकार को जा रहा था तो यहां के डॉक्टरों व श्रमिक नेताओं ने विरोध किया था, इसकी वजह से आज ये हालत हैं। - उमेश शुक्ला, महामंत्री, राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस 

पांडु नगर में 300 बेड के निर्माणाधीन अस्पताल का काम पूरा होने से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। यह शहर के बीच में स्थित है, इसके चलते साउथ सिटी के साथ ही कल्याणपुर, मंधना, पनकी व आसपास के लोगों को हैलट या उर्सला नहीं जाना पड़ेगा।- प्रभात मिश्रा, अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद 

यहां जीएसवीएम के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की तर्ज पर  अस्पताल बनाना चाहिए। किडनी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हैलट व उर्सला में पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में किडनी के मरीजों की सुविधा के लिए यहां नेफ्रोलॉजी की यूनिट बननी चाहिए।-    संजय भदौरिया,  मंडल अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (बीएन सिंह गुट)

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