वर्ल्ड मेनोपॉज डे: रजोनिवृत्ति यानी अभी रुकना नहीं है...

डॉक्टरों के मुताबिक कम उम्र से ही शुरू कर देनी चाहिए मेनोपॉज की तैयारी

वर्ल्ड मेनोपॉज डे: रजोनिवृत्ति यानी अभी रुकना नहीं है...

बरेली, अमृत विचार। महिलाओं के लिए मेनोपॉज का मतलब कुछ खत्म हो जाना नहीं है। डॉक्टर कहते हैं कि अंग्रेजी के अक्षरों को तोड़ने पर मी-नो-पास की ध्वनि निकलती है जिसका मतलब यही है कि अभी रुकना नहीं है। इतना जरूर है कि मेनोपॉज के दौरान अपनी खास देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि इसके बाद शरीर कमजोर पड़ने लगता है। बेहतर यही है कि इसकी तैयारी किशोरावस्था से ही शुरू कर दी जाए क्योंकि इसी उम्र में ही शरीर में सबसे अधिक कैल्शियम बनता है।

डॉक्टरों के मुताबिक हर देश में महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र अलग है। भारत में यह उम्र 46 से 48 वर्ष है। दूसरे देशों में 50 से 52 तक है। मेनोपाॅज की अवस्था तक पहुंचने से पहले ही महिलाओं की चुनौती शुरू हो जाती है क्योंकि 30 की उम्र के बाद शरीर में बोन मास डेन्सिटी (हड्डियों का घनत्व) स्टोर नहीं होती। यही वजह है कि हर सौ में से 25 महिलाएं मेनोपाॅज के समय में होने वाली समस्याएं झेलती हैं। इस अवस्था में बोन मास डेंसिटी सबसे ज्यादा घटने के साथ गर्भाशय संबंधी समस्या भी शुरू हो जाती हैं।

मेनोपॉज हार्मोन थेरेपी महत्वपूर्ण
बरेली ऑब्स एंड गायनी सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ मृदुला शर्मा के मुताबिक इस वर्ष की थीम मेनोपाॅज हार्मोन थेरेपी रखी गई है। इसका अर्थ है कि मेनोपाॅज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की कमी से होने वाले लक्षणों से राहत दिलाने के लिए मेनोपाॅज हार्मोन थेरेपी की जाती है। डॉ. मृदुला ने बताया कि ये थेरेपी दुधारी तलवार की तरह है क्योंकि लंबे समय तक एस्ट्रोजन रहने से शरीर में गर्भाशय के कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के आसार बढ़ते हैं, इसलिए डॉक्टर से 

नियमित चेकअप कराते रहना चाहिए 
मेनोपॉज का मतलब महिला का मासिक धर्म स्थाई रूप से बंद हो जाना है। आमतौर पर ऐसा 45 से 55 की उम्र के बीच होता है। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर घटने से कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं। गर्मी लगना, रात को पसीना आना, मूड स्विंग्स, अनिद्रा और थकान इसके प्रमुख लक्षण हैं।

कैसे रखें अपना ख्याल

  • - मेनोपॉज के दौरान हड्डियों की सेहत बनाए रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी युक्त भोजन करें। दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और मछली आहार में शामिल करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ दिल की सेहत भी बेहतर रखते हैं।
  • - रोजाना 30 मिनट का व्यायाम, जैसे योग, पैदल चलने जैसी गतिविधियां न सिर्फ शारीरिक फिटनेस बनाए रखती हैं बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करती हैं। वजन नियंत्रित रखने और हड्डियों को मजबूत रखने के लिए नियमित व्यायाम बेहद महत्वपूर्ण है।
  • - मेनोपॉज के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। ध्यान, गहरी सांस लेने की तकनीक और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना मूड को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
  • - मेनोपॉज के बाद हड्डियों की जांच, ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग और दूसरी नियमित जांच कराना बहुत जरूरी है।
  • - सोने का एक नियमित शेड्यूल बनाएं और सोने से पहले तनाव कम करने के लिए किताब पढ़ने या ध्यान करने जैसी गतिविधियों की आदत डालें।

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