Bikru Kand: बिकरू कांड में दोषी पुलिस अधिकारी की तीसरी जमानत याचिका खारिज

Bikru Kand: बिकरू कांड में दोषी पुलिस अधिकारी की तीसरी जमानत याचिका खारिज

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बर्खास्त उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा द्वारा दाखिल तीसरी जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व में दो जमानत याचिका को खारिज करते समय न्यायालय की टिप्पणी तथा आवेदक के खिलाफ गंभीर आरोपों को देखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है। 

उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने चौबेपुर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन सब- इंस्पेक्टर के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 7 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 34 के तहत दर्ज मामले में तीसरी जमानत याचिका खारिज करते हुए की। 

कोर्ट ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी होने के नाते उन्होंने विश्वास का दुरुपयोग किया है, जिसके कारण उनके सहकर्मियों की मौत हो गई। हालांकि कोर्ट ने याची को 6 महीने बाद नई जमानत याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता दी है। इंस्पेक्टर पर 3 जुलाई 2020 को बिकरु गांव में घात लगाकर किए गए हमले में हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापे की जानकारी लीक करने का आरोप है।

याची और गैंगस्टर विकास दूबे का घनिष्ठ संबंध था। वह गैंगस्टर के साथ कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। घनिष्ठ संबंध होने के कारण याची ने पुलिस छापे के बारे में गैंगस्टर और उसके गिरोह के सदस्यों को जानकारी दे दी, जिससे वह भारी हथियारों के साथ छापे के लिए तैयार हो गए। इसके साथ ही याची ने पुलिसकर्मियों को उचित सहयोग नहीं दिया और ना ही दूबे की तैयारी के बारे में पुलिस बल को सूचित किया। 

बता दें कि सितंबर 2021 में याची की पहली जमानत याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह घटना कोई अपवाद नहीं है, जिसमें ऐसा पुलिसकर्मी शामिल है जो अपने विभाग की अपेक्षा गैंगस्टरों के प्रति अधिक वफादारी दिखाते हैं। ऐसे पुलिसकर्मी पुलिस की छवि, नाम और प्रसिद्धि को धूमिल करते हैं और ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करना अत्यंत आवश्यक है।

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