हरदोई: लाल खून के सौदागरों के काले कारनामें, मेडिकल कॉलेज में बेंचा जा रहा है नकली खून!

ब्लड बैंक ने खोली काले कारनामें की परत,पुलिस को दी गई तहरीर 

हरदोई: लाल खून के सौदागरों के काले कारनामें, मेडिकल कॉलेज में बेंचा जा रहा है नकली खून!

हरदोई, अमृत विचार। नकली खून का सौदा करने वाले सौदागरों की सारी पोल-पट्टी खुल कर सामने आ चुकी है और उनका चेहरा भी बे-नकाब हो चुका है।  दरअसल मेडिकल कॉलेज में भर्ती अधेड़ के एक यूनिट ब्लड की डिमांड की गई। ऐसा कैसे मुमकिन होगा ? घर वाले उसी उलझन में उलझे हुए थे, उसी बीच एक शख्स ने 7000 रुपये के बदले ब्लड दिलाने के लिए हां कर दी। लेकिन जब ब्लड यूनिट सामने आई तो पता चला कि जो ब्लड यूनिट हरदोई ब्लड बैंक के नाम से दी गई है उसका बैग ब्लड बैंक का नहीं है और यूनिट नबंर भी गलत था। इतना पता होते ही साबित हो गया कि कोई खेल ज़रूर खेला गया। 

पूछताछ में बताया गया कि एक शख्स से 7 हज़ार रुपये में ब्लड खरीदा गया है। इसका पता होते ही ब्लड बैंक ही क्या, पूरे मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। सीएमएस डा.जेके वर्मा ने बताया गया है कि पुलिस को तहरीर दी गई है। ऐसा कर दूसरों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को बिल्कुल ही बख्शा नहीं जाएगा।

बताया गया है कि कोतवाली देहात के बहर निवासी कौशल किशोर ने बताया कि कृष्ण मुरारी नाम का उसका मरीज़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती है, उसे एक यूनिट ब्लड की ज़रूरत थी। उसका ग्रुप 'ओ- पाज़िटिव' था, इसलिए उसके घर वाले आपस में बात कर रहे थे, उसी बीच विपिन तिवारी नाम का एक शख्स आया और उसने 7 हज़ार में ओ-पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड दिलाने के लिए हां कर दी। कौशल किशोर ने उसे उसके मुंह मांगे पैसे दे दिए। रात में शिवा नाम का युवक हाथ में हरदोई ब्लड बैंक के नाम से ब्लड यूनिट ले कर पहुंच गया। 

कौशल किशोर ने बताया कि रात होने पर डॉक्टर ने अगले दिन ब्लड चढ़ाने के लिए कहा तो उसने उस यूनिट को ब्लड बैंक के रेफ्रिजरेटर में रखा दिया। बुधवार की सुबह वह ब्लड लेने ब्लड बैंक पहुंचा तो वहां के लैब टेक्नीशियन अकील खां ने देखा कि बलड बैग 5416 नबंर पड़ा था, जोकि ब्लड बैंक का नहीं था और बैग भी वहां का नही है।

लैब टेक्नीशियन ने इतना देखा और सारा खेल समझ गए। उन्होंने पहले तो ब्लड बैंक के इंचार्ज पवन कुमार और फिर सीएमएस डा. जेके वर्मा को सब कुछ बता दिया। सीएमएस डा.वर्मा और इंचार्ज डा.कुमार ब्लड बैंक पहुंचे जहां खरीदी गई यूनिट की पड़ताल की तो और भी चौंकाने वाली बातें सामने आई, मसलन एक तो बाउचर मिलान नहीं खा रहा था और दूसरी सबसे बड़ी बात कि ब्लड के बैग पर 4.50 एमएल लिखा था,जबकि सरकारी ब्लड बैंक के बैग पर 3.50 एमएल लिखा होता है। सीएमएस ने बताया कि ब्लड की जांच की जाएगी,फिलहाल पुलिस को कौशल किशोर की तरफ से तहरीर दे दी गई है। आगे जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

और भी चेहरों से हट सकती है नकाब
हरदोई। ब्लड बैंक के नाम से दी गई ब्लड यूनिट के बारे में तरह-तरह अटकलें लगाई जा रही है। जैसा कि सीएमएस डा. वर्मा का कहना है कि ब्लड कैसा और कहा से मंगाया गया?  जांच रिपोर्ट आने पर ही इसका पता चल सकता है। लेकिन सबसे अहम बात है कि जो लोग ऐसे कारोबार को अंजाम दे रहें है, उनके तार निजी हॉस्पिटल और नर्सिंग होम से भी जुड़े हो सकते है। फिलहाल अभी तक एक विपिन तिवारी और दूसरा नाम शिवा का आ रहा है, लेकिन ऐसा भी माना जा रहा है कि अभी और भी कुछ चेहरों से नकाब हट सकती है।

ये भी पढ़ें- Hardoi : ड्यूटी में लापरवाही करनी पड़ी भारी, SP ने एक और सिपाही को किया निलंबित