Kanpur: भाजपा के लिए नाक का सवाल; 22 साल से कमल खिलाने की छटपटाहट, 3 बार से सपा फहरा रही विजय पताका

Kanpur: भाजपा के लिए नाक का सवाल; 22 साल से कमल खिलाने की छटपटाहट, 3 बार से सपा फहरा रही विजय पताका

विशेष संवाददाता, कानपुर। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में पिछले 22 वर्षों से कमल खिलाने की छटपटाहट लिए भाजपा ने इस बार उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए कमर कस रखी है। भाजपा यहां कभी ब्राह्मण तो कभी वैश्य प्रत्याशी पर दांव लगाती रही, लेकिन मोदी लहर में भी विजय पताका नहीं फहरा सकी। सपा ने उपचुनाव में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस गठबंधन के तहत सपा को समर्थन देगी, इसकी पूरी उम्मीद है। भाजपा अपना प्रत्याशी गुरुवार तक घोषित कर सकती है। 

2012 में परिसीमन के बाद सीसामऊ सुरक्षित सीट से सामान्य श्रेणी में आ गई थी। इसके बाद बदली डेमोग्राफी में मुस्लिम बहुल सीट होने का लाभ सपा उठाती रही है। आर्यनगर से सपा विधायक रहे इरफान सोलंकी 2012 में सीट बदलकर सीसामऊ आ गए थे और यहां करीब 45 प्रतिशत मुसलमान वोटों के सहारे साइकिल दौड़ाते रहे। सीसामऊ में 2.71 लाख मतदाता हैं। उपचुनाव में सपा ने पीडीए को जीत का आधार बनाया है। यह समीकरण लोकसभा चुनाव में कारगर साबित हुआ था। मुस्लिम के बाद दलित और ब्राह्मण वोट यहां निर्णायक माना जाता है। ऐसे में भाजपा का फोकस 1.60 लाख गैर मुस्लिम वोटरों के ध्रुवीकरण पर है।  

भाजपा महिला या दलित पर लगा सकती है दांव 

सपा की नसीम सोलंकी के मुकाबले भाजपा भी किसी महिला प्रत्याशी को उतार सकती है। नीतू सिंह का नाम भी चर्चा में है। दलितों में पूर्व विधायक मोतीराम एडवोकेट के पुत्र संजय जाटव एडवोकेट का नाम भी चर्चा में है। ब्राह्मण प्रत्याशियों की लंबी सूची है। बीते डेढ़ माह से भाजपा नेताओं ने सीसामऊ क्षेत्र में सघन संपर्क किया है। मंत्रियों और बड़े नेताओं तक ने गली-गली वोट मांगे हैं।  

5 दशक का इतिहास

1974 - शिवलाल वाल्मीकि- कांग्रेस
1977 - मोती राम एडवोकेट- जनता पार्टी
1980 व 85- कमला दरियाबादी - कांग्रेस
1989 - शिवकुमार बेरिया - जनता दल
1991,93 व 96 - राकेश सोनकर - भाजपा
2002 और 07 - संजीव दरियावादी - कांग्रेस
2012, 17 व 22 - इरफान सोलंकी - सपा

किस जाति-वर्ग के कितने अनुमानित वोट

मुसलमान-1.10 लाख
ब्राह्मण- 55 हजार
दलित- 58 हजार
कायस्थ-24 हजार
सिंधी, पंजाबी- 06 हजार
क्षत्रिय- 06 हजार
ओबीसी - 12,000

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