India Canada Row : राजनयिक विवाद पर ब्रिटेन ने कहा- कनाडा की कानूनी प्रक्रिया में भारत का सहयोग अगला सही कदम

India Canada Row : राजनयिक विवाद पर ब्रिटेन ने कहा- कनाडा की कानूनी प्रक्रिया में भारत का सहयोग अगला सही कदम

लंदन। ब्रिटेन ने भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक विवाद के संदर्भ में बुधवार को कहा कि कनाडा की कानूनी प्रक्रिया के साथ भारत सरकार का सहयोग ‘‘गंभीर घटनाक्रम’’ पर अगला सही कदम है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने यहां एक बयान में कहा कि वह ‘‘भारत सरकार से जुड़ी कनाडाई जांच’’ को लेकर कनाडा के साझेदारों के संपर्क में है और उसने ओटावा की न्यायिक प्रणाली पर विश्वास जताया। यह बयान तब आया है जब इससे पहले भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और कनाडा में अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को वापस बुला लिया। 

भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए इन्हें जस्टिन ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है। एफसीडीओ के बयान से दो दिन पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने सोमवार को कनाडा के अपने समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से फोन पर बातचीत की थी। ब्रिटेन और कनाडा ‘फाइव आइज’ नामक एक गठबंधन का हिस्सा हैं जिसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका भी शामिल है। एफसीडीओ के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम कनाडा में स्वतंत्र जांच में सामने आए गंभीर घटनाक्रम को लेकर अपने कनाडाई साझेदारों के संपर्क में हैं।’’ 

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ब्रिटेन को कनाडा की न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है। संप्रभुत्ता तथा कानून के शासन के लिए सम्मान आवश्यक है। कनाडा की कानूनी प्रक्रिया में भारत सरकार का सहयोग अगला सही कदम है।’’ पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया है। भारत ने कनाडा में आपराधिक गिरोहों से भारतीय एजेंटों को जोड़ने के कनाडाई प्राधिकारियों के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को सिरे से खारिज करती है और उन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।’’ 

इसमें कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए थे और कनाडा सरकार ने तब से हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद भारत सरकार के साथ सबूतों का एक अंश भी साझा नहीं किया है।’’ बयान में कहा गया, ‘‘इससे कोई संदेह नहीं रह जाता कि जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए यह भारत को बदनाम करने की जानबूझकर रची गई रणनीति है।’’ ब्रिटेन सरकार ने स्टॉर्मर और ट्रूडो के बीच फोन पर बातचीत के बाद एक बयान में कहा था, ‘‘उन्होंने कनाडा में आरोपों की जांच के संबंध में हाल के घटनाक्रम पर चर्चा की। दोनों ने कानून के शासन के महत्व पर सहमति व्यक्त की। वे जांच के निष्कर्ष पर पहुंचने तक करीबी संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए।

ये भी पढ़ें : इमरान खान की पूर्व पत्नी जेमिमा ने जेल में उनके स्वास्थ्य को लेकर जाहिर की चिंता