Editorial : पीएम गति शक्ति पहल 

 Editorial : पीएम गति शक्ति पहल 

अमृत विचार : देश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने के उद्देश्य से शुरू की गई पीएम गति शक्ति योजना के तीन वर्ष पूरे हो गए हैं। इस बीच देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसमें वैश्विक रैंकिंग में सुधार, डिजिटलीकरण प्रयास  और दक्षता में वृद्धि शामिल है।  पीएम गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जैसी प्रमुख पहलों ने प्रतिस्पर्धात्मकता और व्यापार सुविधा को बढ़ाने में योगदान दिया है। 44 से अधिक केंद्रीय मंत्रालय और 36 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश इसमें शामिल हुए। यह एकीकरण भारत की 2070 तक नेट ज़ीरो प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) के साथ मिलकर, पीएम गतिशक्ति ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और भारत के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गति शक्ति की बदौलत देश विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। यह प्रगति, एंटरप्रेन्योरशिप और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा। एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 13 प्रतिशत है, जो कि विकसित देशों की तुलना में काफी अधिक है। उच्च लॉजिस्टिक लागत के कारण भारत के निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता बहुत कम हो जाती है। वास्तव में पीएम गतिशक्ति ने लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया है और बेहतर सेवा वितरण को सक्षम किया है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है। एक समग्र एवं एकीकृत परिवहन कनेक्टिविटी रणनीति ने ‘मेक इन इंडिया’ का समर्थन किया है और परिवहन के विभिन्न तरीकों को एकीकृत किया है,  जो आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण है।

इससे कई लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। यह पहल भारत के बुनियादी ढांचे को और ज्यादा स्मार्ट तथा मजबूत कर रही है। साथ ही भारत में आर्थिक विकास को बढ़ावा और विकास के भविष्य को आकार दे रही है। इसके अलावा लंबे समय से चली आ रही समस्याओं जैसे- असंबद्ध योजना, मानकीकरण की कमी, मंज़ूरी संबंधी चुनौतियां दूर करने के साथ-साथ समय पर बुनियादी अवसंरचना की क्षमता के निर्माण एवं उपयोग में मदद मिली है। कुल मिलाकर पीएम गति शक्ति सही दिशा में उठाया गया एक कदम साबित हुआ है। हालांकि इसे उच्च सार्वजनिक व्यय से उत्पन्न संरचनात्मक और व्यापक आर्थिक स्थिरता संबंधी चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता है।

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