कासगंज: चंदन हत्याकांड...न्यायालय के सामने चश्मा उतार रहे चश्मदीद

एनआईए न्यायालय में पहुंच कर स्वंय दे रहे अपनी गवाही

कासगंज: चंदन हत्याकांड...न्यायालय के सामने चश्मा उतार रहे चश्मदीद

कासगंज, अमृत विचार। गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान गोलीकांड और बवाल के मामले में अब चश्मदीद न्यायालय के समक्ष अपना चश्मा उतार रहे हैं, वे घटना के मामले में अपना पक्ष तो रख रहे हैं, लेकिन लिखित में दी जा रही गवाही के मामले में उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। चंदन हत्याकांड को लेकर आंदोलन करने वाले सहयोगी अब अपने बयानों से मुकर रहे हैं।
 
2018 जनवरी 26 को तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान विवाद हुआ। फिर तहसील रोड पर गोली लगने से तिरंगा यात्रा में शामिल चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी। उसके बाद पूरा शहर सुलग गया। जगह-जगह आगजनी हुई। फिर क्या था चंदन को न्याय दिलाने के लिए हर कोई आगे बढ़ता नजर आया, लेकिन अब जब मामला लखनऊ एनआईए न्यायालय में है, तो उस घटना के चश्मदीद रहे गवाह अपने बयान बदलने के लिए स्वतय: न्यायालय में पहुंच रहे हैं। इन्हीं गवाहों में विशाल ठाकुर शामिल था। अब सौरभ पाल की कड़ी भी जुड रही है। सौरभ ने एनआईए, एटीएस कोर्ट अपने बयान दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि घटना क्या हुई थी। 

एक नजर बयानों पर
सवाल: पुलिस के मुताबिक जिस दंगे में आपको मुलज्मि बनाया गया है। वह घटना साढ़े नौ बजे पुलिस के ऊपर बिलराम गेट पर पथराव, नाजायज असलहे से गोली मारना और एक व्यक्ति को जख्मी करना बताया गया है। क्या उस दंगे को भड़का कर अपनी जान बचाकर घर गए थे।

उत्तर: ना ही मैंने कोई दंगा भड़काया और न ही मैंने कोई पथराव किया। न ही नाजायज असलहे से गोली चलाई। किसी को घायल नहीं किया था। 

सवाल:बड्डू नगर से जब भाग कर आए तो वहां पत्थर बाजी हो रही है। दंगाई दंगा भड़का रहे थे, नाजायज असलहे से गोली चला रहे थे। उस वक्त दंगाईयों के साथ चले या फिर अपने घर चले गए।

उत्तर: बड्डू नगर से जब भागकर बिलराम गेट आया, तो वहां पत्थरबाजी हो रही थी। दंगाई दंगा भड़का रहे थे।

और भी कुछ दिए बयान
न्यायालय में पूछा गया चंदन के पिता सुशील गुप्ता को जो बात बताई थी। वह सुनी सुनाई बात थी, तो बयान कर्ता ने कहा कि ऐसा नहीं था, आंखो से देखी घटना ही मैंने बताई थी। यह कहना सही है कि अपनी जिरह में सलीम, वसीम, नसीम को घटना के समय घटना स्थल पर नहीं देखा था। विवेचक ने मेरे घर आकर बयान लिया था, मैने विवेचक को दिए बयान में मुनाजिर और आमिर का नाम पड़ा था। 

मोहिनी हत्याकांड के आरोपी मुनाजिर को बचाने की कोशिश
इस मामले में मोहिनी हत्याकांड के आरोपी अधिवक्ता मुनाजिर रफी का नाम भी शामिल है। बयान कर्ता ने कहा है कि मुनाजिर रफी व आमिर रफी शहर के सम्मानित व्यक्ति हैं। यह कहना गलत है कि इन लोगों के नाम रुपए लेने के कारण मैंने दिए थे।

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