Baba Siddiqui murder case: 15 दिन पहले ही मिली थी जान से मारने धमकी, Y कैटेगरी की सुरक्षा भी रही फेल

Baba Siddiqui murder case:  15 दिन पहले ही मिली थी जान से मारने धमकी, Y कैटेगरी की सुरक्षा भी रही फेल

अमृत विचार, मुम्बई :  बांद्रा में विजयादशमी की रात 9:15 बजे NCP Leader  बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मुम्बई में एक बड़े नेता की सरेराह हत्या कर पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दे ड़ाली, हालांकि, बाबा सिद्दीकी की हत्या की खबर पूरे देश में आग की तरफ फैल गई। हत्यारोपियों की तलाश में पुलिस तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है। मुम्बई पुलिस ने अपनी तफ्तीश में सुपारी किलिंग (Contract killing) की आशंका जताई है। 

 

गौरतलब है कि 12 अक्टूबर की रात करीब 9:15 बजे बांद्रा में  NCP Leader बाबा सिद्दीकी के कार्यालय के समीप पटाखे जला रहे थे, तभी बाबा सिद्दीकी बेटे के कार्यालय से निकले और पटाखों के धमाकों के बीच अज्ञात हमलावारों ने उन पर गोलियां चलानी शुरु कर दी। जांच में यह समाने आया कि पटाखा जलाने समय मुंह पर कपड़ा बांधकर आए तीन हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया। हमलावर अचानक गाड़ी से उतरे और छह राउंड फायरिंग कर बाबा सिद्दीकी हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी को तीन गोलियां लगी। गोली लगते ही बाबा सिद्दीकी लहूलुहान हालत में जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद हमलावर वहां से भाग निकले। आनन-फानन बाबा सिद्दीकी को मुम्बई के लीलावती अस्पताल (Lilavati Hospital) में पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने फौरन जांच शुरु कर 24 घंटे के भीतर दो लोगों को गिरफ्तार कर दी, जबकि हत्यारोपियों के तीसरे साथी की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस मुम्बई पुलिस ने बताया कि पुलिस की गिरफ्त में एक हत्यारोपी उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) का है, जबकि दूसरा हरियाणा (Haryana) का रहने वाला है। बतातें चलें कि, बाबा सिद्दीकी को गोली मारने जाने की सूचना मिलते ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) लीलावती अस्पताल पहुंचे। 
 

स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी पर शक 

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड (Baba Siddiqui murder case) की गुत्थी सुलाझने में जुटी मुम्बई पुलिस कई अहम बिंदुओं पर जांच कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) का मामला भी उनकी हत्या के पीछे की वजह हो सकती है, जिसका बाबा और उनके विधायक बेटे जीशान  विरोध कर रहे थे।वर्ष 2018 में प्रवर्तन निदेशालय( ED) ने बाबा सिद्दीकी की करीब 462 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर दी थी। जांच में यह भी सामने आया कि बाबा सिद्दीकी को करीब 15 दिन पूर्व जाने मारने की भी धमकी दी गई थी, उसके बाद उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा (Security) भी मुहैया कराई गई। सवाल यह है कि हाईटेक सुरक्षा मिलने के बाद भी हत्यारों ने वारदात को अजम दिया। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है।

शिंदे सरकार पर सवाल

तीन बार विधायक रह चुके बाबा सिद्दीकी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी ज्वाइन की थी। पार्टी लाइन से हटकर नेताओं ने सिद्दीकी की मौत पर शोक जताया। वहीं विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने महाराष्ट्र पुलिस के लॉ एंड आर्डर पर भी सवाल खड़े किए है।  भाजपा नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि उन्होंने उस समय सिद्दीकी के साथ काम किया था, जब वे दोनों इस पुरानी पार्टी में थे. यह खबर चौंकाने वाली है। वहीं, कांग्रेस नेता (Congress leader)  रमेश चेन्निथला ने एक्स पर लिखा कि "युवा कांग्रेस के दिनों के मेरे प्रिय मित्र" की मौत से बहुत सदमे में हैं। इसके अलावा एनसीपी  नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने  भी कहा कि यह चिंताजनक है कि महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति किस तरह बिगड़ गई है। पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी (एसपी) नेता अनिल देशमुख और विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी बाबा सिद्दीकी हत्याकांड (Baba Siddiqui murder case) को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना की है।

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