समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र बोले- लोहिया व दीनदयाल को मिले भारत रत्न 

समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र बोले- लोहिया व दीनदयाल को मिले भारत रत्न 

लखनऊ, अमृत विचार। समाजवादी बौद्धिक सभा के अध्यक्ष और समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर और चौक में स्थापित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राममनोहर लोहिया की प्रतिमाओं की सफाई की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोहिया की प्रासंगिकता मौजूदा दौर में और बढ़ी है ।

डॉ. राममनोहर लोहिया, समाजवाद और रामराज्य को समदर्शी मानते थे । लोहिया ने ही रामायण मेला की संकल्पना की और सीताराम राज्य की अवधारणा दी। समाजवाद और रामराज्य, दोनों का लक्ष्य शोषणविहीन  समता मूलक समाजवादी समाज की स्थापना ही है । दीपक मिश्र ने बताया कि लोहिया ने राष्ट्रवाद की आड़ में पनपती आक्रामक व संकीर्ण  सांप्रदायिकता से पहले ही आगाह किया कर दिया था।

उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा और भाजपा सरकार की सोच लोहिया के समाजवाद और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानवदर्शन के विपरीत है, इसीलिए दोनों महान नेताओं का नाम अप्रतिम योगदान के बावजूद भारत रत्न की सूची में नहीं है । लोहिया और दीनदयाल को भारत रत्न मिलना चाहिए । राममनोहर लोहिया देशी पूंजी और छोटे यंत्रों पर आधारित विकेंद्रित आर्थिक नीतियों के पैरोकार थे, जबकि वर्तमान सरकार विदेशी पूंजी और केंद्रीकरण पर आधारित एकांगी विकास पर बल दे रही है । डॉ. लोहिया की नीतियों से विचलन के कारण ही देश में आर्थिक विषमता चरम पर है । प्रति व्यक्ति आय के दृष्टिकोण से सबसे धनी और गरीब प्रदेश में लगभग साढ़े पांच लाख रुपए का चिंताजनक अंतर है । लोहिया को पढ़कर ही राष्ट्रवाद व सांप्रदायिकता तथा समाजवाद व जातिवाद के महीन एवं भ्रामक विभेद को समझा जा सकता है। बौद्धिक सभा रामराज्य, राष्ट्रीयता व समाजवाद के आदर्श एवं समदर्शिता पर व्यापक बहस चलाएगी। चौक स्थित लोहिया पार्क की उपेक्षा और टूटी नामपत्तिका पर दीपक मिश्र ने रोष प्रकट किया। इस अवसर पर सपा शिक्षक सभा के राष्ट्रीय सचिव प्रो दीपक राय, ब्रजेश मिश्र, समाजवादी छात्र नेता धीरज यादव , दौलत अली, मोहम्मद गुलाम, जावेद , हिमांशु समेत कई वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए।

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