शाहजहांपुर: सिंधौली के चिकित्सा अधीक्षक की बड़ी कार्रवाई, बिना पंजीकरण के चल रहा संजीवनी अस्पताल सील

दो दिन पहले बिना डॉक्टर के चढ़ाया जा रहा था खून, डीएम के आदेश के बाद झोलाछाप पर सख्ती शुरू

शाहजहांपुर: सिंधौली के चिकित्सा अधीक्षक की बड़ी कार्रवाई, बिना पंजीकरण के चल रहा संजीवनी अस्पताल सील
सिंधौली में संजीवनी अस्पताल सील करते एमओआईसी डॉ. जफर सैफी व अन्य।

शाहजहांपुर, अमृत विचार। डीएम के निर्देश पर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सिंधौली में बड़ी कार्रवाई करते हुए एमओआईसी की टीम ने संजीवनी अस्पताल को सील कर दिया। अस्पताल के खिलाफ काफी शिकायतें थीं और स्वास्थ्य विभाग में बिना पंजीकरण के इसका संचालन किया जा रहा है। दो दिन पहले अस्पताल में मरीज को खून चढ़ाए जाने की शिकायत मिली थी। इसके बाद स्थानीय स्तर पर टीम गठित की गई थी।

दशहरे के दिन चिकित्सा अधीक्षक सिंधौली डॉ. जफर सैफी ने अभियान चलाकर फर्जी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की। शनिवार को पुवायां रोड स्थित संजीवनी अस्पताल पर छापा मारा गया। इससे पहले हुई कार्रवाई में अस्पताल में मौजूद मैनेजर को पंजीकरण संबंधी कागजात दिखाने को कहा गया था। पड़ताल के बाद पाया कि अस्पताल पूरी तरह से फर्जी है। शनिवार को डॉक्टर सैफी, डॉ. सत्यपाल और उनकी टीम ने पुलिस फोर्स के साथ जाकर अस्पताल को सीज कर दिया। 

इस दौरान सिंधौली के टीम प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जफर सैफी ने कहा कि ब्लॉक के सभी झोलाछाप ये जान लें कि या तो उनके पास डिग्री और रजिस्ट्रेशन दोनो हों, तभी प्रैक्टिस करें अन्यथा दूसरा धंधा कर लें। अगर अवैध रूप से क्लीनिक चलाते हुए पाए गए तो अस्पताल भी सीज होगा और जेल जाने में देर नहीं लगेगी। बता दें कि झोलाछाप के इलाज के चलते जिले में आए दिन लोगों की मौत हो रही है। अनाड़ी हाथों से इलाज कराने के चक्कर में लोग अपनी जान गवा रहे हैं। इसके बाद भी झोलाछाप पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। 

बीते दिनों यह बात जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह के संज्ञान में आई थी। जिसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बुलाकर जानकारी ली, लेकिन वह संतोषनक जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद डीएम ने स्थानीय स्तर पर टीमें बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले एसीएमओ डॉ. आसिफ झोलाछाप पर नियंत्रण का काम देख रहे थे, लेकिन वह प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सके। झोलाछाप के खिलाफ एक भी एफआईआर नहीं करा पाए, जिसके बाद उन्हें हटा दिया गया।

जनप्रतिनिधियों ने उठाए थे सवाल
जनप्रतिनिधयों की आपत्ति के बाद सीएमओ डॉ. आरके गौतम ने एसीएमओ डॉ. आसिफ से झोलाछाप नियंत्रण का कार्यभार छीन लिया। उनकी जगह पर तहसीलदारों को नोडल अधिकारी बनाकर अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उनका सहयोग एमओआईसी करेंगे। डिप्टी सीएमओ डॉ. आसिफ ने जनवरी से अभी तक 55 अस्पताल व क्लीनिक को मानक पूर्ण नहीं करने पर नोटिस दिया था। जैतीपुर में दो, मदनापुर, कलान और जलालाबाद में एक-एक अस्पताल अवैध रूप से संचालित मिलने पर सील कर दिया था। उस दौरान सत्ता पक्ष के नेताओं ने उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। आरोप लगाए कि एसीएमओ निजी स्वार्थ के लिए लोगों को परेशान कर रहे हैं। जिसके बाद सीएमओ ने प्रभार में बदलाव कर दिया।

100 का पंजीकरण, सैकड़ों अवैध चल रहे
जिले में अवैध अस्पतालों का मकड़जाल फैला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्रवाई करने का दावा करता है, फिर भी बिना पंजीकरण के अस्पतालों और क्लीनिक का संचालन हो रहा है। विभाग के आंकड़ों में सौ अस्पतालों का पंजीकरण है। हर गली-मोहल्ले में अस्पताल चलते मिल रहे हैं। सैकड़ों अवैध अस्पताल और क्लीनिक चल रहे हैं। बिना डिग्री वाले अस्पताल के संचालक मरीजों की जान से खेल रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इन अस्पतालों में ऑपरेशन तक किए जा रहे हैं। कई बार कार्रवाई के दौरान अस्पतालों में ऑपरेशन कराने के बाद मरीज भर्ती मिले।

डिप्टी सीएमओ डॉ. आसिफ से कार्यभार ले लिया गया है। उनकी जगह पर तहसीलवार नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।- डॉ. आरके गौतम, सीएमओ

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