Unnao: हाल-ए-शिक्षा विभाग: दावे हुए हवाहवाई, पढ़ने को नौनिहालों के सिर पर छत तक नहीं, जिम्मेदार बोले ये...
सफीपुर, उन्नाव, अमृत विचार। एक ओर जहां सरकारें बच्चों को उच्च शिक्षा और सुविधाएं देने का दावा करते थक नहीं रही हैं। वहीं दूसरी ओर सफीपुर विकासखंड क्षेत्र के अतहा गांव में यह सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। यहां शिक्षा व्यवस्था के हालात बेहद दयनीय हैं। स्थानीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। जहां वे धूप, बारिश व ठंड से दो-चार होते हुए भविष्य संवारने की जुगत कर रहे हैं।
अतहा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की छत कई साल पूर्व कमजोर हो चुकी थी। बीते वर्षी बारिश के दौरान यह पूरी तरह से गिर गई। छत का प्लास्टर गिरने के बाद स्कूल भवन को असुरक्षित घोषित किया गया था। लेकिन इस घटना के बावजूद भी जिला प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। घटना के बाद स्कूल के प्रधान शिक्षक को निलंबित भी किया गया था।
तब ऐसा कहा गया था कि छत की जर्जर हालत की सूचना प्रधानाचार्य को पहले से थी बावजूद इसके उन्होंने इसकी अनदेखी की। हालांकि, उनके निलंबन के बाद भी स्कूल में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा को लेकर कोई सुधार नहीं हो सका। आज भी बच्चे बिना छत के खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। अभिभावक इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि बच्चों को पढ़ने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान मिलना चाहिए।
अभिभावक संतोष अग्निहोत्री ने कहा कि हम अपने बच्चों को स्कूल इसलिये भेजते हैं ताकि वे अच्छी शिक्षा पा सकें। लेकिन यहां तो उनकी जान का खतरा बना रहता है।
अभिभावक अशोक कुमार बताते हैं कि बिना छत के इस विद्यालय में जाने तक में डर लगता है। लेकिन, बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए वे रिस्क लेकर भी विद्यालय भेजते हैं।
बोले जिम्मेदार…
इस बारे में एसडीआई अनीता शाह ने बताया कि भवन जर्ज़र होने के कारण बच्चे खुले मैदान में बैठ रहे हैं। नीलामी प्रक्रिया जारी है। जल्द ही सारी प्रक्रिया होने के बाद नवीन भवन का निर्माण कराया जाएगा।
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