इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : जुबैर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में जोड़ी गई नई धाराओं की दी जानकारी
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आल्ट न्यूज के संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी में जोड़ी गई आपराधिक धाराओं के संबंध में गत 25 नवंबर को जांच अधिकारी से जानकारी मांगते हुए पूछा था कि जुबैर के खिलाफ कौन सी आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं। इस पर जांच अधिकारी ने बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान बताया कि प्राथमिकी में दो नई धाराएं, बीएनएस की धारा 152 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 जोड़ी गई हैं।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई। प्रारंभ में जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 228, 299, 356(3) और 351(2) लगाई गई थी, इसके खिलाफ जुबैर ने याचिका दाखिल कर बलपूर्वक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मालूम हो कि यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर वर्तमान प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि जुबैर ने 3 अक्टूबर को नरसिंहानंद के एक पुराने कार्यक्रम का वीडियो क्लिप हिंसा भड़काने के उद्देश्य से पोस्ट की थी, जिसके कारण भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को अपराध की श्रेणी में रखना वाली धारा 152 को गाजियाबाद पुलिस द्वारा जुबैर के खिलाफ पुलिस स्टेशन कवि नगर में दर्ज प्राथमिकी में जोड़ा गया है।
यह भी पढ़ें- Ayodhya News : डॉ. मंजूषा दोबारा चुनी गई आईएमए अध्यक्ष डॉ दिलीप बने सचिव