सावधान! हल्द्वानी में टाइप ए स्वाइन फ्लू, एक और संदिग्ध रोगी की हुई जांच
हल्द्वानी, अमृत विचार। हल्द्वानी में टाइप वन स्वाइन फ्लू के मरीज पाए गए हैं। इसका उपचार सर्दी, खांसी, बुखार की तरह ही होता है। अस्पताल में स्वाइन फ्लू का एक संदिग्ध रोगी भर्ती है। एक महिला रोगी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 30 सितंबर को वन विभाग के 38 कर्मचारी 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि के दौरे पर गए थे। वापस आने पर उनमें सर्दी, खांसी, जुकाम के लक्षण पाए। इनमें पांच लोग एसटीएच में मेडिसन विभाग की ओपीडी में पहुंचे। स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने पर इन सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया।
स्वाब सैंपल जांच में चार रोगी स्वाइन फ्लू टाइप ए पॉजिटिव पाए गए। सभी रोगी ठीक होकर घर चले गए। वन विभाग के एक अन्य कर्मचारी को स्वाइन फ्लू के लक्षण पर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। इसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यह कर्मचारी भी प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्य में गया था।
इसके अलावा हल्द्वानी निवासी एक महिला में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए थे उसे भी एसटीएच में आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया। गुरुवार की शाम को उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार स्वाइन फ्लू के अभी तक कुल चार पॉजिटिव, दो निगेटिव और एक संदिग्ध रोगी की पहचान हुई है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरीश पंत ने बताया कि स्वाइन फ्लू टाइप वन सामान्य सर्दी और खांसी ही होता है। इसमें सात दिन आइसोलेट रहना पड़ता है। रोगी को दवा की भी जरूरत नहीं पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है। तीन अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग की स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों के कार्यालय का दौरा कर चुकी है। कहा कि सर्दी, खांसी और जुकाम होने पर अस्पताल में डॉक्टर को दिखाएं।
हल्द्वानी स्थित पशु चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डॉ. आरके पाठक ने बताया कि स्वाइन फ्लू रोगियों की जानकारी विभाग को मिली है। सभी रोगी बाहर के हैं फिर भी विभाग में अलर्ट किया गया है कि यदि कहीं कोई लक्षण दिखें तो इसकी जानकारी दें।
मामले को क्यों दबाया, कोई जबाव नहीं
करीब 15 दिन से हल्द्वानी में स्वाइन फ्लू रोगियों का सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग मामले को दबाता रहा। बुधवार को जब मामला खुला तब स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि वह अलर्ट मोड पर है।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा के दौरे पर गए वन कर्मियों के अलावा हल्द्वानी निवासी एक महिला में भी स्वाइन फ्लू पाया गया। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने यह बात बाहर नहीं आने दी। विभाग बहुत ही गोपनीय तरीके से मामले को दबाता रहा। न तो अस्पतालों में स्वाइन फ्लू को लेकर कोइ गाइडलाइन दिखी और न ही कहीं कोई अलर्ट नजर आया। जब स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से इस बारे में पूछा तो उनसे कोई जबाव नहीं देते बना।
कोरोना के बाद स्वाइन फ्लू भी वनकर्मियों से पहुंचा
हल्द्वानी। मार्च 2020 में उत्तराखंड में जब कोरोना का पहला मामला आया था तब भी वनकर्मी बाहर से कोरोना की चपेट में आकर उत्तराखंड पहुंचे थे। उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला मिलने के बाद काफी दिनों तक कोरोना को लेकर राहत रही थी। इस बार भी बाहरी राज्यों के दौरे पर गए वनकर्मी स्वाइन फ्लू की चपेट में आकर वापस आए हैं।
हल्द्वानी में डेंगू के चार रोगी मिले
स्वाइन फ्लू के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को डेंगू ने भी परेशान कर रखा है। हल्द्वानी में गुरुवार को एक ही दिन में डेंगू के चार रोगी मिले हैं। अक्टूबर में डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में डेंगू का एक संदिग्ध रोगी भर्ती हुआ था। रोगी बुखार की शिकायत पर अस्पताल आया था। जांच की तो पता चला कि रोगी डेंगू पॉजिटिव है। पीएमएस डॉ. केके पांडे के अनुसार रोगी की स्थिति में अब सुधार है। इधर अन्य अस्पतालों की ओपीडी में आए डेंगू के संदिग्ध रोगियों की जांच की गई तो उनमें भी चार रोगी डेंगू पॉजिटिव निकले हैं। हल्द्वानी में एक ही दिन में चार डेंगू रोगी मिलने से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस साल अभी तक 47 डेंगू इलाइजा पॉजिटिव रोगी नैनीताल जिले में मिले हैं। इनमें 33 रोगी बाहरी जिलों के हैं और 14 रोगी जनपद नैनीताल के हैं।
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