उन्नाव के एक मंदिर की कुछ ऐसी है मान्यता: ओरहर की साखों देवी का नीर बढ़ाता आखों की रोशनी, सरोवर में स्नान करने से दूरी होती ये बीमारी

प्रतिमा का जल आखों में लगाने से बढ़ती है रोशनी

उन्नाव के एक मंदिर की कुछ ऐसी है मान्यता: ओरहर की साखों देवी का नीर बढ़ाता आखों की रोशनी, सरोवर में स्नान करने से दूरी होती ये बीमारी

उन्नाव, (रामचंद्र राजपूत)। सदर तहसील क्षेत्र के गांव ओरहर में अति प्राचीन साखों देवी मंदिर की महिमा निराली है। इन दिनों यह मंदिर श्रद्धा व आस्था केंद्र बना है। इस पौराणिक मंदिर निर्माण का कोई भी प्रमाणिक उल्लेख नहीं है। समय-समय पर शिलालेख पर अंकित होना यह बताता है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार ही हुआ है। 

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यह मंदिर एक मिट्टी के ऊंचे टीले पर बना था। सदियों पूर्व ग्रामीणों ने टीले की खुदाई कर एक शिलालेख पाये जाने पर उसमें अंकित साखों देवी के मान्यता अनुसार वैदिक रीति-रिवाज के साथ मन्दिर की इस प्रतिमा का पूजन करवाकर साखों देवी नाम देकर मंदिर का एक छोटा सा रूप दिया गया। 

इस मंदिर में आज भी जिले के अलावा अन्य जिलों व प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर परिसर में चैत्र व शारदीय नवरात्र, दशहरा व शीतला अष्टमी पर विशाल मेला भी लगता है। कभी पुराना सा दिखने वाला प्राचीन मंदिर अब भव्य देवालय का रूप ले चुका है। मंदिर के पुजारी कमलकांत तिवारी बताते हैं कि इस मंदिर का बुजुर्गों के अनुसार प्रथम जीर्णोद्धार ब्रिटिश सरकार में गांव के बड़े अधिकारी रहे पं. बैजनाथ शुक्ल ने वर्ष-1904 में कराया था। 

जिसका शिलालेख आज भी स्थापित हैं। दोबारा वर्ष-1986 में यहीं पर पं. सत्य नारायण मिश्र ने मंदिर का नवनिर्माण कराया। वर्ष-2000 में गांव के जिला पंचायत में कार्यरत रहे भगवती प्रसाद वर्मा व उनकी शिक्षिका पत्नी की मन्नत पूरी होने पर अपने जीवन की संचित पूरी कमाई मां के चरणों मे समर्पित कर मन्दिर को भव्य रूप दिया। वर्ष-2021 में गांव के हरि सिंह की बेटी शिल्पी सिंह ने भी मन्दिर का निर्माण कराया। 

क्या है मंदिर की मानता

ओरहर गांव के अनिल त्रिवेदी व महेंद्र शुक्ला बताते हैं कि जब भी मंदिर खुलता है मां कि प्रतिमा का जलाभिषेक हो चुका होता है। मंदिर में स्थापित साखों देवी प्रतिमा का नीर आखों की रोशनी बढ़ाता है। मान्यता है कि मंदिर के पास बने सरोवर में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाता है। 

कैसे पहुंचे मां के मन्दिर

जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर साखों देवी मंदिर पहुंचने के लिए रोडवेज या निजी बस उन्नाव- पुरवा मार्ग स्थित ओरहर गांव की सड़क पर उतरने से 3 किलोमीटर रिक्शा आदि से मंदिर पहुंच सकते हैं।

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