लखीमपुर खीरी: विधायक थप्पड़ कांड से सामने आई खुफिया तंत्र की हकीकत

शहर कोतवाल समेत लापरवाह पुलिसकर्मियों पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई

लखीमपुर खीरी: विधायक थप्पड़ कांड से सामने आई खुफिया तंत्र की हकीकत

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। अर्बन को-आपरेटिव बैंक के प्रबंध कमेटी चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान सदर विधायक और अवधेश सिंह के बीच मारपीट एकाएक नहीं हो गई, बल्कि एक दिन पहले भी तनाव की स्थिति बन गई थी। इतना ही नहीं अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में लगाई गई शेयर होल्डर्स की सूची भी फाड़ दी गई थी, जिसका पुरजोर विरोध करते हुए सदर विधायक ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए एडीएम से चुनाव स्थगित करने को कहा था। इसके बाद भी नामांकन के दौरान थप्पड़ और मारपीट से पुलिस के खुफिया तंत्र की हकीकत सामने आ गई है। बहरहाल, पुलिस अफसर और प्रशासन यदि संजीदा होता तो शायद थप्पड़ कांड की घटना टल सकती थी।

अर्बन कोआपरेटिव बैंक की नामांकन प्रक्रिया चल रही थी। पर्चा बिक्री होने से दो दिन पहले से ही चुनाव को लेकर भाजपा के अंदर अंतरकलह हो गई थी। दो दिन पहले बैंक के सूचना पट्ट पर चस्पा की गई सूची के फाड़े जाने के बाद सदर विधायक और बैंक के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रही बैक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह, उनके पति अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह आमने-सामने आ गए थे। भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, सदर विधायक योगेश वर्मा सहित कई विधायकों ने एडीएम संजय सिंह से मुलाकात की थी और चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। उधर एसडीएम सदर अवनीश कुमार सिंह और सीओ सिटी ने भी चुनावी इंतजाम पुख्ता न होने पर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से न हो पाने की संभावना जताई थी। इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच रार बढ़ गई। इतना सबकुछ होने के बाद एसपी का खुफिया तंत्र सक्रिय नहीं हुआ और वह फेलियर साबित हुआ। दोनों पक्षों के बीच खिंची तलवारों के बाद भी एएसपी पूर्वी पवन गौतम ने पर्याप्त संख्या पुलिस बल तैनात नहीं किया। इसका नतीजा यह रहा कि शहर कोतवाल अंबर सिंह के सामने ही अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह ने सदर विधायक को थप्पड़ जड़ दिया। करीब आधे घंटे तक बैंक परिसर अखाड़ा बना रहा। इतना ही नहीं पुलिस के सामने व्यापारी नेता राजू अग्रवाल भी जमकर पीटे गए। इसके बाद भी पुलिस अफसर हरकत में नहीं आए। इससे पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की मंशा पर लोगों ने सवाल खड़े कर कठघरे में खड़ा कर दिया है। इसके बाद भी विधायक की सुरक्षा में नाकाम रहे शहर कोतवाल समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर पांच दिन बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। एसपी गणेश प्रसाद साहा भले ही जांच की बात कहकर सुरक्षा में नाकाम रहने वाले दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की बात कह रहे हों, लेकिन अंदर खाने लापरवाह पुललिसकर्मियों को बचाने की कवायद चल रही है।

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